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Uzbekistan: उज्बेकिस्तान की तरह गाम्बिया ने भी लगाया था भारतीय दवाओं से मौत का आरोप, लेकिन जांच के बाद झूठे निकले थे आरोप

Uzbekistan: गत गुरुवार को कंपनी ने बयान जारी कर कहा था कि उज्बेकिस्तान सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों की हम गंभीरता से जांच कर रहे हैं। बीते दिनों इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कंपनी का औचक निरीक्षण भी किया था। स्वास्थ्य मंत्री ने मामले में कड़ी कार्रवाई के संकेत दे दिए हैं।

नई दिल्ली। उज्बेकिस्तान सरकार ने आरोप लगाया है कि भारतीय कफ सिरप DOK-1 MAX के सेवन से उसके देश में 18 बच्चों की मौत हो गई। वहीं भारत सरकार ने उज्बेकिस्तान के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उक्त दवा का उत्पादन नोएडा स्थित कंपनी मौरियन बायोटक करती है। जिसके खिलाफ आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कड़ी कार्रवाई की है। बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने उक्त कंपनी को दवा का उत्पादन नहीं करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही देशभर के सभी दवाओं की दुकानों को नहीं बेचने के निर्देंश भी दिए हैं। उधर, कंपनी ने अपने 7 कर्मचारियों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित भी कर दिया है।

गत गुरुवार को कंपनी ने बयान जारी कर कहा था कि उज्बेकिस्तान सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों की हम गंभीरता से जांच कर रहे हैं। बीते दिनों इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कंपनी का औचक निरीक्षण भी किया था। स्वास्थ्य मंत्री ने मामले में कड़ी कार्रवाई के संकेत दे दिए हैं। फिलहाल उक्त मामले की जांच जारी है। अब ऐसे में मामले में क्या कुछ सच्चाई निकलकर सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन आपको बता दें कि उज्बेकिस्तान से पहले इस तरह के गाम्बिया भी भारत पर लगा चुका है।

आपको बता दें कि उज्बेकिस्तान ने भारतीय दवाओं के सेवन से 18 बच्चों के मौत का आरोप लगाया है, जबकि गाम्बिया ने भारतीय दवा के सेवन से 70 बच्चों के मौत का आरोप लगाया था। कई देशों में भारतीय दवाओं की आपूर्ति की जाती है। ऐसे में भारत सरकार ने इन आरोपों को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच शुरू कर दी थी। जांच के बाद भारत ने उस दवा के संदर्भ में कहा कि उसकी गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का दोष नहीं पाया गया है। दवा मानक के बिल्कुल अनरूप है। बता दें कि भारत सरकार का यह बयान विश्व बिरादरी के समक्ष काफी चर्चा में था।

इसके बाद गाम्बिया ने बयान जारी कहा कि उसके यहां हुई बच्चों की मौत का कारण भारतीय दवा नहीं, बल्कि कुछ और था। गाम्बिया के उक्त बयान के बाद भारत ने राहत की सांस ली और अन्य देशों में अपनी दवाओं की आपूर्ति जारी रखी। बहरहाल, उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर भारतीय दवाओं के सेवन से बच्चों की मौत के मामले की जांच शुरू कर दी गई है। अब जांच संपन्न होने के बाद सक्या कुछ सच्चाई सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।