नई दिल्ली। पाकिस्तान की करीब चार साल पुरानी इमरान खान की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। उनके खिलाफ पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा चुका है। अब अपनी कुर्सी बचाने की कोशिशों में जुटे पाक प्रधानमंत्री इमरान खान को एक और करारा झटका लगा है। दरअसल, अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ सांसदों को इकट्ठा करने की कोशिशों में जुटे इमरान खान सरकार की सहयोगी पार्टी MQM-Pakistan ने विपक्षी दलों के साथ हाथ मिला लिया है। संयुक्त विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव से ठीक पहले एमक्यूएम पी ने इमरान खान के खिलाफ वोट देने का ऐलान कर दिया है।
इमरान खान की पार्टी ने खोया बहुदम
पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) से एमक्यूएम-पी का अलग होना इमरान खान की सरकार के लिए बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि उनके समर्थक दलों व सांसदों की संख्या लगातार घट रही है। बता दें कि, एमक्यूएम पी के कुल 7 सांसद हैं। MQM के साथ छोड़ देने से इमरान समर्थक सांसदों की संख्या घटकर 164 पहुंच गई है। वहीं विपक्षी दलों के खेमे में अब सांसदों की संख्या 177 पहुंच गई है। जियो टीवी के मुताबिक, इमरान सरकार पाकिस्तानी संसद के निचले सदन में बहुमत खो चुकी है। गौरतलब है कि, MQM-P का यह फैसला विपक्षी दलों के साथ एक मसौदे पर हस्ताक्षर के बाद आया है। PPP के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी ट्वीट करके एमक्यूएम पी के साथ समझौते की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस समझौते के विवरण को सार्वजनिक किया जाएगा। बता दें कि, विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर 3 अप्रैल को वोटिंग होनी है। ऐसे में इमरान खान की सरकार का पत्ता कटना तय है।
متحدہ اپوزیشن اور ایم کیوایم کے درمیان معاہدہ ہوچکا ہے، ایم کیوایم کی رابطہ کمیٹی اور پی پی پی کی سینٹرل ایگزیکٹو کمیٹی مذکورہ معاہدے کی توثیق کریں گے، جس کے بعد ہم انشاء اللہ کل میڈیا کو پریس کانفرنس میں تفصیلات بتائیں گے۔
مبارک ہو پاکستان https://t.co/60GpbqFmAA— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) March 29, 2022
पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं। इमरान खान को सत्ता में बने रहने के लिए 172 सांसदों का समर्थन चाहिए। इमरान की पीटीआई गठबंधन के पास 179 सदस्य थे, लेकिन MQM-P द्वारा साथ छोड़ने से उसके पास 164 सदस्य रह गए हैं। इस बीच इमराख खान की सत्ता से विदाई तय हो चुकी है।