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Case On Birthright Citizenship: डोनाल्ड ट्रंप के जन्मसिद्ध नागरिकता पर बैन वाले आदेश के खिलाफ अमेरिका के कोर्ट में आज से सुनवाई, जानिए क्या कहता है संविधान का 14वां संशोधन

Case On Birthright Citizenship: डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के नागरिकता के लिए जन्मसिद्ध अधिकार को खत्म करने का उद्देश्य ये बताया था कि वहां अवैध या अस्थायी रूप से रहने वालों के बच्चों को नागरिकता हासिल करने से रोका जा सके। अमेरिका के राज्यों और एनजीओ की तरफ से कोर्ट में याचिकाएं दाखिल तो की ही गई हैं। कई गर्भवती महिलाओं ने मेरीलैंड के संघीय कोर्ट में ट्रंप के एक्जीक्यूटिव ऑर्डर को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की है।

मेरीलैंड। अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कई अहम आदेश जारी किए थे। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण आदेश के संबंध में दाखिल याचिका पर अमेरिका के मेरीलैंड कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई है। ये मामला जन्मसिद्ध नागरिकता का है। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के बाद अहम आदेश जारी किया था कि अमेरिका में अब जन्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जाएगी। ट्रंप के इसी आदेश के खिलाफ अमेरिका के 22 राज्यों और कई एनजीओ ने अदालतों में याचिकाएं दी हैं। ऐसी ही याचिका मेरीलैंड के संघीय कोर्ट में भी दी गई है। जिस पर आज से सुनवाई होनी है।

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के नागरिकता के लिए जन्मसिद्ध अधिकार को खत्म करने का उद्देश्य ये बताया था कि वहां अवैध या अस्थायी रूप से रहने वालों के बच्चों को नागरिकता हासिल करने से रोका जा सके। अमेरिका के राज्यों और एनजीओ की तरफ से कोर्ट में याचिकाएं दाखिल तो की ही गई हैं। कई गर्भवती महिलाओं ने मेरीलैंड के संघीय कोर्ट में ट्रंप के एक्जीक्यूटिव ऑर्डर को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की है। कोर्ट अब अमेरिका के संविधान में नागरिकता से संबंधित 14वें संशोधन पर विचार करेगा। संविधान का ये संशोधन अमेरिका में गृहयुद्ध के बाद दासप्रथा का सामना कर चुके और अफ्रीकी-अमेरिकी समुदाय की नागरिकता तय करने के लिए किया गया था।

अमेरिका के संविधान के नागरिकता संबंधी 14वें संशोधन में कहा गया है कि देश में पैदा हुए या प्राकृतिक रूप से बसे सभी व्यक्ति इसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं और अमेरिका के नागरिक हैं। इसी आधार पर कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में कहा गया है कि जन्मसिद्ध नागरिकता अमेरिका के लोकतंत्र की नींव है। इसे बरकरार रखने की अपील कोर्ट से की गई है। कुल मिलाकर अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता के बारे में वहां के कोर्ट का फैसला मील का पत्थर साबित होने जा रहा है।