चीन पर फिर भड़के माइक पोम्पियो, कहा- जिनपिंग अपनी मनमानी नहीं चला सकते
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो एक बार फिर चीन पर अपनी भड़के है और जमकर लड़ताड़ा है। उन्होंने चीन को आड़े हाथों लेते हुए उससे मुकाबले के लिए समान विचारधारा वाले देशों और संयुक्त राष्ट्र, नाटो जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को एक साथ एक मंच पर आने का आह्वान भी किया है।
वॉशिंगटन। ऐसा लगता है कि अपने साथी देशो को परेशान करना चीन की आदत बन गई है। लेकिन दुनिया के ज्यादातर देश चीन के मंसूबे जान गए हैं। तभी अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो एक बार फिर चीन पर अपनी भड़के है और जमकर लड़ताड़ा है। उन्होंने चीन को आड़े हाथों लेते हुए उससे मुकाबले के लिए समान विचारधारा वाले देशों और संयुक्त राष्ट्र, नाटो जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को एक साथ एक मंच पर आने का आह्वान भी किया है।
उन्होंने कहा कि आज हमने घुटने टेके तो हमारे बच्चों के बच्चे उसकी दया पर निर्भर रहेंगे। पोम्पियो ने कहा कि चीन ने हमारी बेशकीमती बौद्धिक संपदा और व्यापारिक रणनीति के तौर-तरीकों से पर्दा उठा दिया है। उसने आपूर्ति श्रृंखला को अमेरिका से दूर कर उसका दोहन किया और इसमें मशीनों और दास श्रमिकों को जोड़ा है। उसने अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य के लिए दुनिया के प्रमुख जलमार्गों को भी असुरक्षित बनाया है।
If we bend the knee now, our children’s children may be at the mercy of Chinese Communist Party (CCP), whose actions are the primary challenge today in the free world: Mike Pompeo, US Secretary of State https://t.co/SyWYBZbY2V
— ANI (@ANI) July 23, 2020
उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) एक सामान्य सेना नहीं है। इसका उद्देश्य चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के नेताओं के पूर्ण शासन को बनाए रखना और चीनी साम्राज्य का विस्तार करना है, न कि चीनी लोगों की रक्षा करना। यही वजह है कि अमेरिका के हमारे रक्षा विभाग ने अपने प्रयासों, पूर्व और दक्षिण चीन सागर और ताइवान जलडमरूमध्य में नेविगेशन संचालन की स्वतंत्रता के साथ-साथ अपने प्रयासों को गति दी है। हमने सीमा पर चीनी आक्रामकता को रोकने में मदद करने के लिए अंतरिक्ष बल बनाया है।
पोम्पियो ने कहा कि इस सप्ताह हमने ह्यूस्टन में चीन के वाणिज्य दूतावास को बंद करने की घोषणा की क्योंकि यह जासूसी और बौद्धिक संपदा की चोरी का केंद्र था। दो सप्ताह पहले हमने दक्षिण चीन सागर में अंतरराष्ट्रीय कानून को ध्यान में रखते हुए अगले आठ साल के लिए ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि हमने चीन से आह्वान किया है कि वह अपने समय की रणनीतिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए अपनी परमाणु क्षमताओं को इसके अनुरूप रखे। यदि हम अभी नहीं चेते तो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) अंततः हमारी स्वतंत्रता को नष्ट कर देगी और नियमों पर आधारित व्यवस्था को तहस-नहस कर देगी, जिसे बनाने के लिए हमारे समाजों ने बहुत मेहनत की है।
‘Distrust and verify’ will be US new policy to counter China, says Pompeo
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— ANI Digital (@ani_digital) July 23, 2020
अमेरिका के विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि यदि हम आज घुटने टेक देते हैं तो हमारे बच्चों के बच्चे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की दया पर निर्भर होंगे, जिसकी कार्यप्रणाली आज की आजाद दुनिया के लिए प्राथमिक चुनौती बनी हुई है। उन्होंने कहा कि शी जिनपिंग को चीन के अंदर और बाहर हमेशा के लिए अपनी मनमानी नहीं चला सकते हैं, जब तक कि हम उन्हें इसकी अनुमति नहीं देते हैं। पोम्पियो ने कहा कि हम अकेले इस चुनौती का सामना नहीं कर सकते।
We can’t face this challenge alone. UN, NATO, G7, G20, our combined economic, diplomatic, & military power is surely enough to meet this challenge, if we direct it clearly. Maybe it’s time for a new grouping of like-minded nations, a new alliance of democracies: US Secy of State https://t.co/SyWYBZbY2V pic.twitter.com/LlzrTYJrFh
— ANI (@ANI) July 23, 2020
हालांकि संयुक्त राष्ट्र, नाटो, जी7, जी20, हमारी संयुक्त आर्थिक, राजनयिक और सैन्य शक्ति निश्चित रूप से इस चुनौती का सामना करने के लिए सक्षम और पर्याप्त है। अगर हम इसे स्पष्ट रूप से सही दिशा में निर्देशित करते हैं। संभवत: अब समान विचारधारा वाले देशों और लोकतंत्रों का एक नया संगठन बनाने का वक्त आ गया है।