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Nepal Violence : नेपाल में 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी गिरफ्तार, जानिए हिंसा के बाद अब कैसे हैं हालात?

Nepal Violence : हिंसा में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। कर्फ्यू को हटा लिया गया है। काठमांडू की सड़कों पर सेना अभी भी तैनात है और गश्त की जा रही है। इस हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल भी हुए थे। पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने काठमांडू के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है।

नई दिल्ली। नेपाल में राजशाही समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन के एक दिन बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। तीन क्षेत्रों में कल लगाए गए कर्फ्यू को भी आज हटा लिया गया है। पुलिस ने 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है जो कल हिंसा में शामिल थे। वहीं अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। काठमांडू की सड़कों पर सेना अभी भी तैनात है और गश्त की जा रही है। इस हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल भी हुए थे। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने काठमांडू के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है।

बता दें कि काठमांडू के तिनकुने में कल राजशाही की वापसी और हिंदू राष्‍ट्र की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहा था। नवराज सुबेदी के नेतृत्व वाली संयुक्त आंदोलन समिति की ओर से इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया गया था। इसमें राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी का भी समर्थन था। आंदोलन के संयोजक दुर्गा प्रसाई ने प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बैरिकेड को तोड़ा दिया जिसके बाद लोग उग्र हो गए और प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने बहुत सी इमारतों, घरों को नुकसान पहुंचाया, आगजनी की। सड़क पर खड़े तमाम वाहनों को तोड़ फोड़ दिया और कईयों में आग लगा दी। पुलिस पर पथराव कर दिया।

पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां चलाईं। इसके बाद प्रदर्शनकारियों को तितर बितर किया गया और तिनकुने, सिनामंगल और कोटेश्वर क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। प्रदर्शनकारियों द्वारा हिंसा के बहुत से वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे जिसमें उन्हें उत्पात मचाते देखा जा सकता है। पिछले कुछ समय से राजशाही समर्थकों की मांग तेज होती जा रही है। उनका कहना है कि नेपाल में लोकतंत्र की व्यवस्था को खत्म करके राजशाही को दोबारा वापस लाना चाहिए और नेपाल को एक बार फिर से हिंदू राष्ट्र का दर्जा दिया जाना चाहिए।