
नई दिल्ली। नेपाल में राजशाही समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन के एक दिन बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। तीन क्षेत्रों में कल लगाए गए कर्फ्यू को भी आज हटा लिया गया है। पुलिस ने 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है जो कल हिंसा में शामिल थे। वहीं अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। काठमांडू की सड़कों पर सेना अभी भी तैनात है और गश्त की जा रही है। इस हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल भी हुए थे। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने काठमांडू के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है।
#WATCH | Nepal | Visuals from Kathmandu where violence erupted yesterday after a clash between pro-monarchists and Police. Curfew has now been uplifted in Tinkune, Sinamangal and Koteshwor areas of Kathmandu.
The protesters were demanding the restoration of the monarchy in… pic.twitter.com/ITdzPGGm5B
— ANI (@ANI) March 29, 2025
बता दें कि काठमांडू के तिनकुने में कल राजशाही की वापसी और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहा था। नवराज सुबेदी के नेतृत्व वाली संयुक्त आंदोलन समिति की ओर से इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया गया था। इसमें राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी का भी समर्थन था। आंदोलन के संयोजक दुर्गा प्रसाई ने प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बैरिकेड को तोड़ा दिया जिसके बाद लोग उग्र हो गए और प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने बहुत सी इमारतों, घरों को नुकसान पहुंचाया, आगजनी की। सड़क पर खड़े तमाम वाहनों को तोड़ फोड़ दिया और कईयों में आग लगा दी। पुलिस पर पथराव कर दिया।
#WATCH | Former Prime Minister of Nepal Pushpa Kamal Dahal ‘Prachanda’ visited the violence-affected areas of Kathmandu that erupted after a clash between pro-monarchists and Police. pic.twitter.com/xK1qVubrUF
— ANI (@ANI) March 29, 2025
पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां चलाईं। इसके बाद प्रदर्शनकारियों को तितर बितर किया गया और तिनकुने, सिनामंगल और कोटेश्वर क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। प्रदर्शनकारियों द्वारा हिंसा के बहुत से वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे जिसमें उन्हें उत्पात मचाते देखा जा सकता है। पिछले कुछ समय से राजशाही समर्थकों की मांग तेज होती जा रही है। उनका कहना है कि नेपाल में लोकतंत्र की व्यवस्था को खत्म करके राजशाही को दोबारा वापस लाना चाहिए और नेपाल को एक बार फिर से हिंदू राष्ट्र का दर्जा दिया जाना चाहिए।