
वॉशिंगटन। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर अभी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर ही फंसे हैं। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 8 दिन के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजा था। अब नासा के हवाले से ताजा खबर ये है कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की अगले साल यानी 2025 में ही धरती पर वापसी होगी। नासा के अनुसार फरवरी 2025 में सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से वापस धरती पर लाया जाएगा।
58 साल की सुनीता विलियम्स पहले भी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रह चुकी हैं। नासा ने 5 जून 2024 को सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को बोइंग कंपनी के स्टारलाइनर यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजा था। बुच विल्मोर इस अभियान के कमांडर थे। जबकि, सुनीता विलियम्स बोइंग के स्टारलाइनर यान की पायलट थीं। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर तो सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर सकुशल पहुंच गए, लेकिन जब उनको धरती पर लौटना था, तो पता चला कि बोइंग का जो स्टारलाइनर यान उनको लेकर गया था, उसमें कुछ खराबी आ गई। इसके बाद तमाम कोशिशों पर भी बोइंग के इंजीनियर यान को दुरुस्त नहीं कर सके और नतीजे में सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर ही फंसे हुए हैं।

अहम बात ये है कि बोइंग के स्टारलाइनर यान की ये परीक्षण उड़ान थी और नासा ने उसमें सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को बिठाकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेज दिया। जबकि, यान में किसी भी गड़बड़ी के कारण दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की जान को भी खतरा हो सकता था। अब नासा का इरादा है कि बोइंग के स्टारलाइनर यान को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से धरती पर खाली ही वापस लाया जाएगा। इसके बाद फरवरी 2025 में एक नया यान भेजकर सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को लाने का काम किया जाएगा। नासा ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अंतरिक्ष यात्रियों और सामान को लाने और ले जाने के काम में स्पेस एक्स और बोइंग के यानों का इस्तेमाल शुरू किया है। इससे पहले नासा के स्पेस शटल के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजा जाता था।