नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर बने तनाव को लेकर अमेरिका का प्रतिष्ठित पत्रिका न्यूजवीक ने अपने ताजा अंक में खुलासा किया है कि LAC पर बने हालात के जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग हैं। पत्रिका का कहना है कि उनके ही आदेश पर चीन की सेना LAC पर घुसपैठ करने की कोशशि करती रही है, जिसके भारतीय सेना दद्वारा मुंहतोड़ जवाब दिया गया है।
पत्रिका का कहना है कि घुसपैठ के दौरान चीन के करीब 60 सैनिकों की जान गई थी, इसके जिम्मेदार जिनपिंग ही हैं। आपको बता दें कि 15 जून को गलवन घाटी में हुए हिंसक टकराव में जहां 20 भारतीय सैनिक की जान गई, वहीं जवाबी कार्रवाई में चीन के कम से कम 43 सैनिक मारे गए, यह संख्या 60 भी हो सकती है। अभी मौजूदा स्थिति ये है कि पैगोंग सो झील के उत्तरी किनारे पर पीएलए ने घुसपैठ कर अड्डा जमाया है, तो उसे जवाब देने के लिए नजदीकी पहाडि़यों पर भारतीय सैनिक ने कब्जा जमा लिया।
बता दें कि राष्ट्रपति जिनपिंग चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के भी चेयरमैन हैं। इस लिहाज से पीएलए की हर गतिविधि के लिए वह जिम्मेदार हैं। जिसका मतलब ये हुआ पीएलए का हर कदम उनकी स्वीकृति के बगैर नहीं उठ सकता। इसलिए निश्चित रूप से सेना के सर्वोच्च अधिकारी के रूप में चिनफिंग ने ही भारतीय सीमा के उल्लंघन के लिए हरी झंडी दिखाई है। पत्रिका ने फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के लियो पास्कल के अनुसार गलवन में हुए टकराव में चीन के मारे गए सैनिकों की संख्या 60 तक हो सकती है।
दरअसल सीमा पर जिस तरह से भारतीय जवानों ने चीन की सेना को धोया है, उस तरह की उम्मीद चीन को नहीं थी। इसकी के चलते चीन बड़ी खामोशी से भारत से बातचीत का रास्ता खोज रहा है। हमेशा आक्रामक रहने वाला चीन अब बैठकों में बातचीत करने की वकालत कर रहा है। इससे चीन की हालत का अंदाजा आप आसानी से लगा सकते हैं।
बता दें कि चीन की सेना के लिए अचंभित होने का दूसरा मौका तब था, जब सितंबर की शुरुआत में भारतीय सैनिकों ने आसपास की पहाडि़यों की चोटियों पर कब्जा जमा लिया। इससे घाटी में मौजूद सारे चीनी सैनिक उनके निशाने पर आ गए। चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों से पहाडि़यों का कब्जा छुड़ाने की कोशिश भी की लेकिन वे विफल रहे।