
नई दिल्ली। यमन में निमिषा प्रिया की फांसी टाले जाने के एक दिन बाद ही आज मृतक तलाल अब्दो मेहदी के भाई अब्देलफत्ताह मेहदी ने साफ तौर पर कह दिया है कि खून का सौदा नहीं होगा। उन्होंने ब्लड मनी लेने से मना कर दिया है। इसी के साथ निमिषा प्रिया के जीवन पर फिर से खतरा मंडराना शुरू हो गया है। अब्देलफत्ताह मेहदी ने भारतीय मीडिया के द्वारा निमिषा प्रिया को पीड़िता कहे जाने पर भी आपत्ति जताई। केरल की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया को यमन के नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की हत्या के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई है।
निमिषा को आज फांसी होनी थी मगर भारत के सुन्नी धर्मगुरु मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार उसे बचाने के लिए आगे आए जिसके बाद कल ही उसकी फांसी को टालने का फैसला किया गया। अबूबकर मुसलियार ने यमन की सरकार और वहां के मशहूर स्कॉलर शेख हबीब उमर से संपर्क साधकर निमिषा की सजा टालने को कहा था। शेख हबीब के प्रतिनिधि के तौर पर हबीब अब्दुर्रहमान अली मशहूर ने यमन सरकार के प्रतिनिधि, आपराधिक न्यायालय के सर्वोच्च न्यायाधीश, तलाल के भाई और आदिवासी नेताओं से मुलाकात की थी। इसके बाद यमन सरकार की ओर से निमिषा की फांसी टाल दी गई।
माना जा रहा था कि संभवत: मृतक का परिवार ब्लड मनी लेने पर राजी हो गया जिसके बाद इस बात की उम्मीद जगी थी कि शायद निमिषा की फांसी की सजा माफ हो जाए। आपको बता दें कि शरिया कानून के तहत किसी की हत्या के दोषी के द्वारा मृतक परिवार को पैसों की पेशकश की जाती है, अगर वो परिवार पैसे लेने के लिए राजी हो जाता है तो दोषी की सजा माफ हो जाती है, इसे ही ब्लड मनी कहा जाता है। ब्लड मनी लेने या न लेने का फैसला सिर्फ और सिर्फ मृतक के परिवार वालों पर ही निर्भर करता है।