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Tension Escalates: उ. कोरिया ने फिर किए दो मिसाइल टेस्ट, इस बार रेल से दागकर दुनिया को दी चुनौती

उत्तर कोरिया की सत्ता संभालने के बाद से किम जोंग उन ने साल 2013 में परमाणु बम का परीक्षण किया था। साल 2016 से 2018 तक लगातार उसने 90 मिसाइल टेस्ट भी किए थे। किम जोंग उन ने कह रखा है कि उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार के दम पर कोई भी देश ब्लैकमेल नहीं कर सकता।

प्योंगयांग। उत्तर कोरिया ने अपने पहले के मिसाइल टेस्ट के बाद अपने अफसरों पर अमेरिका के प्रतिबंधों के जवाब में दो और मिसाइल टेस्ट किए हैं। ये टेस्ट उसने रेल की पटरियों से किया है। इससे साफ हो गया है कि उत्तर कोरिया अब मिसाइल टेस्ट के लिए बने अपने रेंज के अलावा देश में कहीं से भी मिसाइलें दाग सकता है। उत्तर कोरिया की मीडिया ने बताया कि अमेरिका के नए प्रतिबंधों के जवाब में देश ने इस महीने तीसरा मिसाइल परीक्षण किया है। उसने कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों का कोई असर नहीं होने जा रहा है। उत्तर कोरिया के इन मिसाइल टेस्ट से इलाके में तनाव और बढ़ गया है।

kim jong un

बता दें कि इससे पहले उत्तर कोरिया ने इस साल की शुरुआत होते ही मिसाइल टेस्ट की शुरुआत की थी। पहले उसने 6 जनवरी और फिर 11 जनवरी को मिसाइल टेस्ट किए थे। ये दोनों ही हाइपरसोनिक मिसाइल टेस्ट थे। हाल ही में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने देश के परमाणु कार्यक्रम के विस्तार की भी बात कही थी। उत्तर कोरिया पहले ही परमाणु बम परीक्षण का दावा कर चुका है। इससे दुनिया में तनाव है और अमेरिका की ओर से अब और कई तरह के प्रतिबंध उसपर लगाए जाने का रास्ता भी साफ होता दिख रहा है।

A missile is seen as North Korean leader Kim Jong Un visits a drill of long-range artillery

दक्षिण कोरिया के साथ युद्ध के बाद से उत्तर कोरिया उससे तनाव लगातार बढ़ा रहा है। किम इल सुंग और किम जोंग इल के बाद अब इस तनाव को बढ़ाने का काम किम जोंग उन कर रहा है। उत्तर कोरिया की सत्ता संभालने के बाद से किम जोंग उन ने साल 2013 में परमाणु बम का परीक्षण किया था। साल 2016 से 2018 तक लगातार उसने 90 मिसाइल टेस्ट भी किए थे। जबकि, किम इल सुंग के दौर में इससे कम मिसाइल टेस्ट हुए थे। किम जोंग उन ने अमेरिका से सीधा टकराव लेते हुए कह रखा है कि उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार के दम पर कोई भी देश ब्लैकमेल नहीं कर सकता। चीन की शह की वजह से किम जोंग लगातार ऐसे कदम उठा रहा है। जबकि, उसके देश की जनता भुखमरी से परेशान है। किम ने तो यहां तक कह रखा है कि लोगों को कम भोजन करना चाहिए।