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अमेरिका ने पहले WHO पर लगाया चीन समर्थित होने का आरोप, अब आधिकारिक रूप से की अलग होने की घोषणा!

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने मई में ही घोषणा की थी कि उनका देश विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ अपने संबंधों को समाप्त कर रहा है। ट्रंप ने तब कहा था, ‘चीन का डब्ल्यूएचओ पर पूरा नियंत्रण है जो साल में केवल 40 मिलियन डॉलर का भुगतान करता है जबकि अमेरिका 450 मिलियन डॉलर देता है।’

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के प्रसार में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की भूमिका को लेकर कई बार सवाल उठे हैं, इसको लेकर अमेरिका ने भी कई बार टिप्पणी की है। अमेरिका ने WHO का चीन की तरफ झुकाव रहने का आरोप लगाया है। इन सबके बीच अमेरिका ने मंगलवार को आधिकारिक तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग होने का फैसला किया।

trump and who

समाचार एजेंसी एएनआई ने अमेरिकी मीडिया के हवाले से बताया कि, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका को डब्ल्यूएचओ से आधिकारिक रूप से अलग कर लिया है। बताया जा रहा है कि अमेरिका ने इसकी जानकारी संयुक्त राष्ट्र संघ को भी दे दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका का इस संगठन से अलग होना सोमवार से लागू होगा जिसकी जानकारी संयुक्त राष्ट्र महासचिव को भी दे दी गई।

Donald Trump

बता दें कि इस वायरस से अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है जहां 30 लाख से ज्यादा मामले अब तक सामने आए हैं। देश में कुल 1.3 लाख से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले कुछ महीनों से कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के खिलाफ कई बयान दिए थे। ट्रंप ने पहले आरोप लगाया था कि इस संगठन पर चीन का नियंत्रण है और कोरोना वायरस को लेकर आवश्यक सूचनाएं काफी बाद में जारी की गई थीं।

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने मई में ही घोषणा की थी कि उनका देश विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ अपने संबंधों को समाप्त कर रहा है। ट्रंप ने तब कहा था, ‘चीन का डब्ल्यूएचओ पर पूरा नियंत्रण है जो साल में केवल 40 मिलियन डॉलर का भुगतान करता है जबकि अमेरिका 450 मिलियन डॉलर देता है।’