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Al-Zawahiri Killed: अलकायदा ने अलजवाहिरी की मौत का लिया बदला, PAK कमांडर का हेलिकाप्टर उड़ाया

Al-Zawahiri Killed: सूत्रों के अनुसार, तालिबान और दूसरे लोगों के साथ मिलकर जो बलूचिस्तान में आतंकी संगठनों ने संपर्क किया। जिसमें तहरीक-ए-पाकिस्तान और दूसरे आतंकवादी संगठन शामिल है। उन लोगों ने बताया आईएसआई का खास है वो इस वक्त बलूचिस्तान के दौरे पर है और उसको वहीं पर उड़ा दिया जाए।

नई दिल्ली। अमेरिका ने आतंकी संगठन अल-कायदा के चीफ अयमान-अल जवाहिरी को काबुल में मार गिराया है। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि जवाहिरी के मारे जाने से अल-कायदा को तगड़ा झटका लगा है। ज्ञात हो कि इससे पहले अमेरिका ने साल 2011 में ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में उसी के घर में मार ढेर कर दिया था। लादेन के मारे जाने के बाद से ही वो अल-कायदा का चीफ बन गया था। जवाहिरी पेशे से डॉक्टर था और वो मिस्र का मूल निवासी था। अमेरिका पर 9/11 के हमले में जवाहिरी ने चार विमानों को हाईजैक करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। इसी बीच जवाहिरी की मौत पर बहुत बड़ा खुलासा हुआ है।

अल-कायदा ने अल जवाहिरी की मौत का बदला ले लिया है। अलकायदा ने पाकिस्तान के कमांडर सरफराज का हेलीकॉप्टर (Helicopter) उड़ा दिया है। जिसमें पाक कमांडर का  मौत हो गई। बता दें कि सरफराज पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) का खास माना जाता है। अल-कायदा को लगता है कि जवाहिरी की मौत के पीछे आईएसआई हाथ था। बता दें कल ही कमांडर सरफराज का हेलिकाप्टर लापता था।  दरअसल अल-कायदा ने अपने इंटेलिजेंस के साथ जांच शुरू की, कि आखिर जवाहिरी को कैसे मार गिराया। इस मामले में तालिबान ने उनका पूरा साथ दिया। इसी बीच उन्हें पता लगा कि अल जवाहिरी की मौत में पाकिस्तान का हाथ है और पाकिस्तान ने पैसे लेकर उनके प्रमुख को मारवा दिया है। जैसे कि इससे पहले ओसामा बिन लादेन को मारवाया था। जिसके बाद अलकायदा के अंदर गुस्सा भर गया था।

सूत्रों के अनुसार, तालिबान और दूसरे लोगों के साथ मिलकर जो बलूचिस्तान में आतंकी संगठनों ने संपर्क किया। जिसमें तहरीक-ए-पाकिस्तान और दूसरे आतंकवादी संगठन शामिल है। उन लोगों ने बताया आईएसआई का खास है वो इस वक्त बलूचिस्तान के दौरे पर है और उसको वहीं पर उड़ा दिया जाए। सूत्रों के मुताबिक, रविवार को अल जवाहिरी को अमेरिका ने मार गिराया था। जबकि सोमवार को पाक कमांडर का हेलिकाप्टर अचानक संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। सरफराज बलूचिस्तान कोर कमांडर के मुखिया भी थे और सबसे महत्वपूर्ण बात बलूचिस्तान डीजी मिलिट्री इंटेंलिजेंस के प्रमुख भी रह चुके थे। वो आईएसआईएस के बाद करीबी भी माने जाते थे।

दूसरी बात नए जनरल की दौड़ में भी सबसे आगे चल रहे थे। सूत्रों की मानें, तो अपनी मुखिया की मौत का बदला लेने के लिए तालिबान ने दूसरे आतंकी संगठनों से संपर्क किया और उन्हें सुविधा मुहैया करवाई। जिसके जवाब में 24 घंटे के अंदर उन्होंने अपने मुखिया की हत्या का बदला ले लिया।