पाकिस्तान अब उस काम को देने जा रहा है अंजाम जिसपर भारत ने जताई थी सख्त आपत्ति

दरअसल इस क्षेत्र में पाकिस्तान के आर्थिक हित जुड़े हुए हैं और इसीलिए पाक वहां अपना नियंत्रण स्थापित करने के लिए काफी तेजी से हाथ-पांव मार रहा है।

Avatar Written by: May 18, 2020 2:49 pm

नई दिल्ली। गिलगिट बाल्टिस्तान को लेकर पाकिस्तान अपनी गिरी हुई हरकतें करता रहता है। पीओके में आने वाले इस क्षेत्र में पाकिस्तान की तरफ से होने वाली गतिविधियों को लेकर भारत की तरफ से हमेशा आपत्ति जताई जाती है लेकिन फिर पाक अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आता है। एक बार फिर से पाकिस्तान ऐसे काम को अंजाम देने जा रहा है जिसपर भारत अपनी सख्त आपत्ति जता चुका है।

imran khan pm modi

दरअसल पाक ने अपनी मनमानी करते हुए भारत की कड़ी आपत्ति के बावजूद, गिलगिट-बाल्टिस्तान प्रांत में चुनाव कराने और एक केयरटेकर सरकार बनाने का राग छेड़ दिया है। इसको लेकर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने अपनी मुहर लगा दी है। बता दें कि 30 अप्रैल को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र में चुनाव कराने और इससे जुड़े 2018 के प्रशासनिक आदेश में संशोधन के लिए अनुमति दे दी थी।

Gilgit Baltistan

पाक सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर भारत ने इस्लामाबाद के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया था।। भारत ने कहा था कि पाकिस्तान को अवैध और जबरन किए हुए क्षेत्र को लेकर कोई फैसला करने का अधिकार नहीं है। इस मामले में विदेश मंत्रालय ने गिलगिट-बाल्टिस्तान पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पाकिस्तानी राजदूत को आपत्ति पत्र सौंपा था। भारत ने स्पष्ट किया था कि गिलगिट-बाल्टिस्तान समेत पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है और इस्लामाबाद को इन क्षेत्रों में अपने अवैध कब्जे को छोड़कर इलाके को तुरंत खाली कर देना चाहिए।

Narendra Modi and Imran Khan

इसके बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। शनिवार को पाकिस्तान के कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान मामलों के मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की। इस अधिसूचना में कहा गया है कि इलाके में पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने गिलगिट-बाल्टिस्तान ऐंड केयरटेकर एमेंडमेंट ऑर्डर, 2020 पर मुहर लगाई है।

पाक राष्ट्रपति ने अपने आदेश में कहा है कि पारदर्शी चुनाव कराने के लिए गिलगिट-बाल्टिस्तान में केयरटेकर सरकार बनाना जरूरी हो गया था। इस आदेश के बाद केयरटेकर सरकार दो महीनों के भीतर गिलगिट-बाल्टिस्तान विधानसभा चुनाव कराएगी। इसके अलावा, खास परिस्थितियों में केयरटेकर सरकार का कार्यकाल भी बढ़ाया जा सकता है।

pakistan imran khan

दरअसल इस क्षेत्र में पाकिस्तान के आर्थिक हित जुड़े हुए हैं और इसीलिए पाक वहां अपना नियंत्रण स्थापित करने के लिए काफी तेजी से हाथ-पांव मार रहा है। बता दें कि इसी हफ्ते, पाकिस्तान की सरकार ने चीन की फर्म के साथ 442 अरब रुपये के एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत, गिलगिट-बाल्टिस्तान में दिआमेर-भाषा बांध का निर्माण किया जाएगा।

भारत ने इस कदम पर गुरुवार को सख्त आपत्ति जताई और कहा कि, पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में इस तरह की परियोजनाओं को शुरू करना सही नहीं है।