इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर तीखे विवादों के बीच निकाले गए ‘औरत मार्च’ पर राजधानी इस्लामाबाद में पथराव किया गया जिसमें कुछ लोगों को चोटें आई हैं। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
महिला संगठनों, मानवाधिकार संगठनों और लैंगिक अल्पसंख्यकों द्वारा न्याय और इनसाफ की मांग के साथ निकाले गए ‘औरत मार्च’ के खिलाफ परंपरावादियों व कट्टरपंथियों ने बीते कई दिन से मोर्चा खोला हुआ था। इस पर रोक लगाने के लिए अदालत की भी शरण ली गई लेकिन अदालत ने रोक लगाने से साफ मना कर दिया। मार्च में लगाए जाने वाले नारों को गैर इस्लामी करार देते हुए इसका विरोध किया गया। अश्लीलता का भी आरोप लगाया गया हालांकि इसे साबित नहीं किया जा सका।
रविवार को पाकिस्तान के कई शहरों में ‘औरत मार्च’ निकाला गया जिसमें बहुत बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। उन्हें पुरुषों का भी साथ मिला। धार्मिक व परंपरावादी समूहों व दलों से संबंद्ध महिलाओं ने अलग से अपना मार्च निकाला और कई जगहों पर उन्होंने अपने मार्च को ‘शालीनता मार्च’ कह कर बुलाया।
अन्य शहरों में मार्च में कोई अड़चन नहीं आई लेकिन इस्लामाबाद में हालात बिगड़े। यहां नेशनल प्रेस क्लब से ‘औरत मार्च’ निकाला गया। यहीं से जामिया हफ्सा नाम के मदरसे की छात्राओं ने अपना ‘शालीनता मार्च’ निकाला। दोनों को एक-दूसरे से दूर करने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। दोनों ने ही एक दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
Conservative rally clashes with Women’s March participants in #Islamabad on #IWD2020 pic.twitter.com/3V0iIskAUi
— Ruptly (@Ruptly) March 9, 2020
जामिया हफ्सा की छात्राओं के मार्च के खत्म होने के बाद इसमें शामिल कुछ पुरुषों ने ‘औरत मार्च’ पर पथराव कर दिया। ‘डॉन’ ने एक व्यक्ति के घायल होने की जानकारी दी है जबकि चैनल ‘हम न्यूज’ ने एक से अधिक लोगों के घायल होने की जानकारी दी है। पुलिस ने हालात पर काबू पाया।
JUIF & Sunni-ittehad mullahs violently attacked us today at #AuratAzadiMarch2020 with rocks & chilli powder and 5 of our people got severely injured. What triggered them? Seeing women reclaiming public space.
This is the true & ugly face of this society that we march against! pic.twitter.com/c5VLJGvJ4B— Maria H. Malik ☭ (@marriyamalik1) March 8, 2020
इस्लामाबाद में ‘औरत मार्च’ की आयोजकों ने व्यवस्था से आजादी की बात करते हुए ट्वीट कर बताया, “मुल्लाओं ने औरत आजादी मार्च पर पथराव किया है जो (मार्च) शांतिपूर्ण था और है। हम इस निजाम (व्यवस्था) से चाहते हैं आजादी।”
#AuratMarchIslamabad continues after the attack by people from #LalMasjid.
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Video via: @iopynepic.twitter.com/u0p4hiHqbQ
— NayaDaur Media (@nayadaurpk) March 8, 2020
इस्लामाबाद में जमाते इस्लामी पाकिस्तान से जुड़ी महिलाओं ने भी रैली निकाली और इस्लामी कानून के अनुसार महिलाओं को संपत्ति में अधिकार देने की मांग उठाई। जमाते इस्लामी के नेता मौलाना सिराजुल हक ने कहा कि वे ‘औरत मार्च’ की कई बातों से सहमत नहीं हैं लेकिन इसके विरोध में नहीं बल्कि समर्थन में हैं।