पाक को झटका, नहीं निकल पाया FATF की ग्रे सूची से बाहर
पाकिस्तान की तरफ से की जा रही कार्रवाई से FATF ज्यादा संतुष्ट नहीं है और उसकी तरफ से कहा गया है कि पाकिस्तान को अपने कानूनों को और सख्त बनाना चाहिए।
नई दिल्ली। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि इस बार फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF)की ग्रे सूची से बाहर निकल जाएगा लेकिन उसकी इस उम्मीद पर पानी फिर गया है। बता दें कि FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं निकाला है। यह फैसला पेरिस में चल रही फएटीएफ की बैठक में लिया गया।
आतंकवादियों को आर्थिक मदद रोकने की दिशा में काम करने वाली संस्था एफएटीएफ की बैठक पेरिस में 16 फरवरी से शुरू हुई और यह 21 फरवरी तक चलेगी। सूत्रों के अनुसार, ग्रे लिस्ट में रखे जाने को लेकर तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान का समर्थन किया था। पेरिस में चल रही एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान से धनशोधन और आतंक वित्तपोषण के दोषियों को कठघरे में लाने के लिए कानूनों को और कसने की मांग की है।
टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर अंतर्राष्ट्रीय वॉचडॉग FATF ने पाकिस्तान को 27 सूत्री वर्कप्लान दे रखा है। इसके तहत पाकिस्तान को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने की दिशा में सख्त कदम उठाने हैं। इसको लेकर पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि 14 बिन्दुओं पर अमल हो चुका है, 11 और बिन्दुओं पर भी आंशिक तौर पर कार्रवाई हुई है। कम से कम दो बिन्दु ऐसे हैं जिन पर अमल संभव नहीं है।
हालांकि पाकिस्तान की तरफ से की जा रही कार्रवाई से FATF ज्यादा संतुष्ट नहीं है और उसकी तरफ से कहा गया है कि पाकिस्तान को अपने कानूनों को और सख्त बनाना चाहिए। साथ ही टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए जो संगठन या व्यक्ति जिम्मेदार हैं, उन्हें कानूनी उपायों से अंजाम तक पहुंचाना चाहिए।
पाकिस्तान ने FATF को प्रभावित करने के इरादे से अपने बचाव में जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद से जुड़े मामले का भी हवाला दिया है। हाफिज को टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के दो मामलों में साढ़े पांच-साढ़े पांच साल की सजा सुनाई गई है। दोनों सजाएं साथ चलेंगी।
Sources: Pakistan to remain in Financial Action Task Force (FATF) grey list. Turkey and Malaysia supported Pakistan. pic.twitter.com/M0z0Ppt7rY
— ANI (@ANI) February 18, 2020
पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक इस सजा से साबित होता है कि देश का न्यायिक तंत्र स्वतंत्र है और कोर्ट हर केस के गुण-दोष के मुताबिक फैसले सुनाती है। बता दें कि एंटी टेरर कोर्ट ने हाफिज को चैरिटी संस्थाओं, उनके दफ्तरों और संसाधनों को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए दुरुपयोग करने का दोषी माना। ATC ने हाफिज पर 15,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।