नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच जहां पूरी दुनिया में सब भेदभाव भुलाकर इंसानियत की बात की जा रही है तो वहीं पाकिस्तान ने इस महामारी में भी अपनी असली सोच जाहिर कर दी है। पड़ोसी देश पाकिस्तान से अल्पसंख्यकों पर जुल्म की खबरें तो आती रहती है लेकिन महामारी के बीच भी पाक में हिंदू-ईसाइयों से भेदभाव की खबरें सामने आ रही है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों पाकिस्तान के कराची से ऐसी रिपोर्ट आई थी कि कुछ एनजीओ और सरकारी अधिकारी हिंदू और ईसाई समुदाय के लोगों को भोजन-राशन नहीं दे रहे हैं। कराची में सैलानी वेलफेयर इंटरनेशनल ट्रस्ट की ओर से राशन-भोजन दिया जा रहा है, लेकिन जब वह एक हिंदू और ईसाई बहुल इलाके में गए तो उन्होंने मदद से इनकार कर दिया। सिर्फ यही तर्क दिया गया कि भोजन सिर्फ मुस्लिमों के लिए है।
बता दें कि कोरोना संकट के बीच पाक में जिस तरह से अल्पसंख्यकों के साथ बर्ताव किया जा रहा है उसकी दुनियाभर में आलोचना हो रही है। दुनियाभर के धार्मिक मसलों पर राय देने वाले अमेरिकी आयोग ने पाकिस्तान से आ रही उन खबरों की निंदा की है, जहां हिंदुओं और ईसाईयों को खाना नहीं देने का बात सामने आई है।
USCIRF is troubled by the reports of food aid being denied to Hindus and Christians amid the spread of #Covid_19 in #Pakistan.https://t.co/DGm3YzUqJg
— USCIRF (@USCIRF) April 13, 2020
अंतराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अमेरिकी कमिशन की ओर से सोमवार को एक बयान जारी किया गया है, जिसमें पाकिस्तान की निंदा की गई है। विभाग की ओर से कहा गया है कि कोरोना वायरस का संकट फैलता जा रहा है, ऐसे में पाकिस्तान में जिन लोगों को भोजन की समस्या आ रही है, वह काफी निंदनीय है। सरकार का कर्तव्य हर किसी को भोजन देना है, ऐसे में उस वक्त किसी के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। हम पाकिस्तानी सरकार से अपील करते हैं कि हर धर्म के लोगों को भोजन मुहैया करवाया जाए।’
USCIRF कमिश्नर जॉनी मूरे के मुताबिक, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने बीते दिनों एक साथ इस लड़ाई में हिस्सेदारी की बात कही थी। ऐसे में अब अवसर है कि वह अपने देशवासियों को एक राह दिखाएं और लोगों से किसी तरह का भेदभाव ना करने की अपील करें।