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जानिए पाकिस्तान में कितने सुरक्षित हैं अल्पसंख्यक, एक तरफ कृष्ण मंदिर पर बवाल जारी, वहीं मुस्लिम कट्टरपंथियों ने दी सिर काटने की धमकी

इस्लामाबाद में इस कृष्‍ण के इस मंदिर की मांग हिंदू अल्पसंख्यक सालों से कर रहे थे। ये मंदिर इस्‍लामाबाद के H-9 इलाके में 20 हजार वर्गफुट के इलाके में बनाया जा रहा था।

नई दिल्ली। पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे बर्ताव को लेकर जो खबरें सामने आ रही हैं वो पाक की असली तस्वीर सामने रख रही हैं। मुस्लिम कट्टरपंथी खुलेआम गैर-मुस्लिम समुदाय के लोगों को धमकाते हैं, उन्हें उनकी धार्मिक स्वतंत्रता से दूर रखते हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जो पाकिस्तान में हो रही कट्टरपंथियों की नीच करतूतों की गवाही दे रहा है।

Foundation Stone of Hindu temple in Pakistan

बता दें कि पाकिस्तान के इस्लामाबाद में पहला हिंदू मंदिर बनने को लेकर चल रहे विवाद में अब मुस्लिम कट्टरपंथियों ने खुलेआम धमकाना भी शुरू कर दिया है। आरोप लगा है कि पाकिस्तान की धार्मिक सभाओं में कुछ कट्टरपंथी मौलाना कृष्ण मंदिर बनाने पर हिंसा की धमकी भी दे रहे। इस मामले को लेकर पाकिस्तान के आलोचक और लेखक तारिक फतेह ने ऐसे ही एक मौलाना का वीडियो ट्वीट कर दावा किया है कि मंदिर बनाने पर खुलेआम सिर काटने की धमकी दी गई है।

Pakistan Hindu Temple Muslim

पाकिस्तान के कट्टरपंथियों के आगे इमरान खान सरकार ऐसे झुकी कि, उसने पाक में कृष्ण मंदिर बनाने का फैसला वापस ले लिया है। तारेक ने जो वीडियो ट्वीट किया है उसमें दिखाई दे रहा है कि मौलाना एक धार्मिक सभा में धमकी दे रहे हैं कि जो लोग इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर का समर्थन कर रहे हैं, उनके सिर कलम कर दिया जाएगा।

मौलाना भीड़ से कहते हैं, ‘तुम्हारे सिर मंदिर में चढ़ा दिए जाएंगे और कुत्तों को खिला दिए जाएंगे।’ कट्टरपंथी मौलाना आगे कहता है, ‘मस्जिदें चंदों से बन रही हैं और मंदिर पाकिस्तान के खजाने से पैसे निकालकर बनाए जा रहे हैं। अगर तुम मंदिर बनाओगे तो पाकिस्तान, गैरतमंद कौम तुम्हारी गर्दनें काटकर मंदिर के सामने फिरने वाले कुत्तों को डाल देंगे।’

इससे पहले कृष्ण मंदिर के निर्माण पर रोक लगने के बावजूद अब कट्टरपंथियों ने मंदिर की जमीन पर जबरन अजान दी है। एक मौलाना के नेतृत्व में कुछ लोगों ने मंदिर के लिए रखी गई नींव और दीवार को भी गिरा दिया था। इमरान सरकार ने दो दिन पहले ही मुस्लिम कट्टरपंथियों के फतवे के आगे घुटने टेकते हुए मंदिर के निर्माण पर रोक लगा दी थी।

इस मंदिर का निर्माण पाकिस्‍तान के कैपिटल डिवेलपमेंट अथॉरिटी कर रही थी। पाकिस्‍तान सरकार ने अब मंदिर के संबंध में इस्‍लामिक ऑइडियॉलजी काउंसिल से सलाह लेने का फैसला किया है। मजहबी शिक्षा देने वाले संस्थान जामिया अशर्फिया ने मुफ्ती जियाउद्दीन ने कहा कि गैर मुस्लिमों के लिए मंदिर या अन्य धार्मिक स्थल बनाने के लिए सरकारी धन खर्च नहीं किया जा सकता।

Pakistan Hindu Temple

बता दें कि इस्लामाबाद में इस कृष्‍ण के इस मंदिर की मांग हिंदू अल्पसंख्यक सालों से कर रहे थे। ये मंदिर इस्‍लामाबाद के H-9 इलाके में 20 हजार वर्गफुट के इलाके में बनाया जा रहा था। पाकिस्‍तान के मानवाधिकारों के संसदीय सचिव लाल चंद्र माल्‍ही ने इस मंदिर की आधारशिला रखी थी। इस दौरान मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए माल्‍ही ने बताया कि वर्ष 1947 से पहले इस्‍लामाबाद और उससे सटे हुए इलाकों में कई हिंदू मंदिर थे। इस मंदिर के खिलाफ हाई कोर्ट में एक वकील ने भी याचिका दी थी जिस पर कोर्ट ने कहा था कि सरकार को अल्पसंख्यकों के अधिकारों का भी ख्याल रखना चाहिए।