नई दिल्ली। पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे बर्ताव को लेकर जो खबरें सामने आ रही हैं वो पाक की असली तस्वीर सामने रख रही हैं। मुस्लिम कट्टरपंथी खुलेआम गैर-मुस्लिम समुदाय के लोगों को धमकाते हैं, उन्हें उनकी धार्मिक स्वतंत्रता से दूर रखते हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जो पाकिस्तान में हो रही कट्टरपंथियों की नीच करतूतों की गवाही दे रहा है।
बता दें कि पाकिस्तान के इस्लामाबाद में पहला हिंदू मंदिर बनने को लेकर चल रहे विवाद में अब मुस्लिम कट्टरपंथियों ने खुलेआम धमकाना भी शुरू कर दिया है। आरोप लगा है कि पाकिस्तान की धार्मिक सभाओं में कुछ कट्टरपंथी मौलाना कृष्ण मंदिर बनाने पर हिंसा की धमकी भी दे रहे। इस मामले को लेकर पाकिस्तान के आलोचक और लेखक तारिक फतेह ने ऐसे ही एक मौलाना का वीडियो ट्वीट कर दावा किया है कि मंदिर बनाने पर खुलेआम सिर काटने की धमकी दी गई है।
पाकिस्तान के कट्टरपंथियों के आगे इमरान खान सरकार ऐसे झुकी कि, उसने पाक में कृष्ण मंदिर बनाने का फैसला वापस ले लिया है। तारेक ने जो वीडियो ट्वीट किया है उसमें दिखाई दे रहा है कि मौलाना एक धार्मिक सभा में धमकी दे रहे हैं कि जो लोग इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर का समर्थन कर रहे हैं, उनके सिर कलम कर दिया जाएगा।
मौलाना भीड़ से कहते हैं, ‘तुम्हारे सिर मंदिर में चढ़ा दिए जाएंगे और कुत्तों को खिला दिए जाएंगे।’ कट्टरपंथी मौलाना आगे कहता है, ‘मस्जिदें चंदों से बन रही हैं और मंदिर पाकिस्तान के खजाने से पैसे निकालकर बनाए जा रहे हैं। अगर तुम मंदिर बनाओगे तो पाकिस्तान, गैरतमंद कौम तुम्हारी गर्दनें काटकर मंदिर के सामने फिरने वाले कुत्तों को डाल देंगे।’
Pakistani Mullah while addresses his congregation threatens to behead those supporting a Hindu Temple in Islamabad.
”Your heads will be laid at the Temple and fed to the fogs, ” he yells as the congregation of the faithful applauds.
How does one country produce … https://t.co/aWOpU5TZz4
— Tarek Fatah (@TarekFatah) July 6, 2020
इससे पहले कृष्ण मंदिर के निर्माण पर रोक लगने के बावजूद अब कट्टरपंथियों ने मंदिर की जमीन पर जबरन अजान दी है। एक मौलाना के नेतृत्व में कुछ लोगों ने मंदिर के लिए रखी गई नींव और दीवार को भी गिरा दिया था। इमरान सरकार ने दो दिन पहले ही मुस्लिम कट्टरपंथियों के फतवे के आगे घुटने टेकते हुए मंदिर के निर्माण पर रोक लगा दी थी।
इस मंदिर का निर्माण पाकिस्तान के कैपिटल डिवेलपमेंट अथॉरिटी कर रही थी। पाकिस्तान सरकार ने अब मंदिर के संबंध में इस्लामिक ऑइडियॉलजी काउंसिल से सलाह लेने का फैसला किया है। मजहबी शिक्षा देने वाले संस्थान जामिया अशर्फिया ने मुफ्ती जियाउद्दीन ने कहा कि गैर मुस्लिमों के लिए मंदिर या अन्य धार्मिक स्थल बनाने के लिए सरकारी धन खर्च नहीं किया जा सकता।
बता दें कि इस्लामाबाद में इस कृष्ण के इस मंदिर की मांग हिंदू अल्पसंख्यक सालों से कर रहे थे। ये मंदिर इस्लामाबाद के H-9 इलाके में 20 हजार वर्गफुट के इलाके में बनाया जा रहा था। पाकिस्तान के मानवाधिकारों के संसदीय सचिव लाल चंद्र माल्ही ने इस मंदिर की आधारशिला रखी थी। इस दौरान मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए माल्ही ने बताया कि वर्ष 1947 से पहले इस्लामाबाद और उससे सटे हुए इलाकों में कई हिंदू मंदिर थे। इस मंदिर के खिलाफ हाई कोर्ट में एक वकील ने भी याचिका दी थी जिस पर कोर्ट ने कहा था कि सरकार को अल्पसंख्यकों के अधिकारों का भी ख्याल रखना चाहिए।