India-Nepal Relations: RAW चीफ सामंत कुमार 9 घंटे काठमांडू में रुके, आला अफसरों से की मुलाकात
India-Nepal Relations: जब नेपाली सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (Ruling communist party) एक नए संकट में घिरी है, तभी भारत की एक्सरटनल स्पाय एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (Raw) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल (Samant Kumar Goyal) ने काठमांडू की एक अनौपचारिक यात्रा की।
काठमांडू। जब नेपाली सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (Ruling communist party) एक नए संकट में घिरी है, तभी भारत की एक्सरटनल स्पाय एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (Raw) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल (Samant Kumar Goyal) ने काठमांडू की एक अनौपचारिक यात्रा की। जहां वो 9 घंटे काठमांडू में रुके थे। गोयल बुधवार को नेपाल की राजधानी में थे। नेपाल की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 9 सदस्यीय टीम का नेतृत्व करते हुए गोयल ने प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्रियों पुष्पा कमल दहल, शेर बहादुर देउबा, माधव कुमार नेपाल समेत अन्य नेताओं से मुलाकात की।
पार्टी के 2 वरिष्ठ नेताओं दहल और नेपाल ने ओली की प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष के तौर पर काम करने की शैली को चुनौती दी है। इसके बाद से ओली एक नए संकट का सामना कर रहे हैं। हालांकि ओली और दहल के बीच 8 महीने से चल रहा विवाद अगस्त में खत्म हो गया था, फिर भी दहल के करीबी करनाली प्रांत के मुख्यमंत्री महेन्द्र बहादुर शाही को पिछले हफ्ते ओली के अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा। इस अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे के साथ ही पार्टी के अंदर की दरारें खुल कर सामने आ गईं।
नई दिल्ली की सरकार को यह भी आशंका है कि काठमांडू का मौजूदा शासन चीन की ओर झुक रहा है, जिसकी जांच नई दिल्ली अपने अलग तंत्र के जरिए करना चाहती है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि ओली भारतीय समर्थन की मदद से अपने और दहल के बीच विवाद को दूर करना चाहते हैं इसलिए गोयल ने यह यात्रा की थी।
हालांकि प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने ओली और गोयल के बीच किसी भी बैठक से इनकार किया है। गोयल की यात्रा का मिशन अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि गोयल को सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के एक वर्ग ने वहां आमंत्रित किया था जो आंतरिक तनाव का सामना कर रहा है।
गौरतलब है कि गोयल की यात्रा भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की यात्रा से ठीक पहले हुई है। नरवणे 3 नवंबर को 3 दिवसीय यात्रा के लिए नेपाल में रहेंगे। गोयल की इस यात्रा से नेपाल में विवाद छिड़ गया है। ओली के किसी जासूसी एजेंसी के प्रमुख से मिलने की खासी आलोचना हो रही है। एक मीडिया ने लिखा है, नेपाल एक स्वतंत्र और संप्रभु देश है और गोयल की यात्रा देश की संप्रभुता को प्रभावित करती है।