नई दिल्ली। एक तरफ कोरोनावायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया कराह रहा है तो वहीं दूसरी तरफ इसके 100 से ज्यादा वैक्सीन पर किसी ना किसी स्टेज पर ट्रायल चल रहा है। लेकिन इस सब के बीच इस मामले में नंबर वन रूस बना है। जिसने सबसे पहले एक कोरोनावायरस के टीके स्पुतनिक वी को मंजूरी दे दी थी अब उसने अपनी दूसरी कोरोना वैक्सीन को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। मतलब एक तरफ जहां दुनिया के सारे देश इस जानलेवा वायरस के लिए वैक्सीन बनाने पर जुटे हुए हैं वहीं कोरोना की दो-दो वैक्सीन को रूस की तरफ से मंजूरी मिल गई है।
मतलब साफ है कि एक तरफ जहां अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दावा कर रहे हैं कि इस साल के अंत से पहले कोरोना का असरकारी टीका आ जाएगा। वहीं रूस ने एक बार फिर चौंका दिया है। पुतिन सरकार ने स्पुतनिक वी के बाद अब एपिवैकोरोना (EpiVacCorona) वैक्सीन को पंजीकृत किया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उनके पास एक अच्छी खबर है। नोवोसिबिर्स्क-आधारित वेक्टर सेंटर ने एक दूसरे कोरोनावायरस वैक्सीन, एपिवाकोराकोना को पंजीकृत किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम एक तीसरे टीके पर भी काम कर रहे हैं। मतलब रूस जल्दी इसके तीसरे टीके के साथ भी दुनिया के सामने आ सकता है ऐसी उम्मीद है।
रूस के इस दूसरे कोरोना वैक्सीन एपिवैकोरोना को साइबेरिया में वेक्टर संस्थान द्वारा विकसित किया गया था और पिछले महीने अपने प्रारंभिक चरण के इंसानी परीक्षणों को पूरा किया। हालांकि इसके परिणाम अभी तक प्रकाशित नहीं हुए हैं। अभी बड़े पैमाने पर परीक्षण किया जाना बाकी है जिसे फेज थ्री के नाम से जाना जाता है। पुतिन ने कहा कि हमें पहले और दूसरे टीके का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है। विदेशी सहयोगियों के साथ सहयोग करना जारी रख रहे हैं और विदेशों में अपने टीके को बढ़ावा देंगे।
इस टीके के बारे में जानकारी मिल रही है कि यह एपिवैकोरोना एक पेप्टाइड-आधारित टीका है और केवल रूस में उपयोग के लिए लाइसेंस प्राप्त होने वाला दूसरा वैक्सीन है। नोवोसिबिर्स्क-आधारित वेक्टर सेंटर ने एक दूसरा कोरोनावायरस वैक्सीन,एपिवैकोरोना पंजीकृत किया है। पहली रूसी वैक्सीन के विपरीत, स्पुतनिक वी जो कि एक एडेनोवायरस वेक्टर-आधारित वैक्सीन है। एपिवैकोरोना नया पेप्टाइड पर आधारित एक आशाजनक सिंथेटिक वैक्सीन है।