रूस से नवंबर तक आ जाएगी भारत में कोरोना की वैक्सीन, सेफ्टी डेटा भी होगा जारी

रूस ने कोरोना काल में सबसे पहले पूरी दुनिया में कोरोना वैक्सीन पर चल रहे रिसर्च के बीच अपनी वैक्सीन लॉन्च तो कर दी लेकिन WHO ने इस वैक्सीन पर सवाल खड़े कर दिए।

Avatar Written by: August 12, 2020 6:22 pm
russia corona vaccine

नई दिल्ली। रूस ने कोरोना काल में सबसे पहले पूरी दुनिया में कोरोना वैक्सीन पर चल रहे रिसर्च के बीच अपनी वैक्सीन लॉन्च तो कर दी लेकिन WHO ने इस वैक्सीन पर सवाल खड़े कर दिए। WHO की मानें तो इस वैक्सीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। वहीं अमेरिका की तरफ से भी इस वैक्सीन को लेकर ऐसी ही प्रतिक्रिया आई है। आपको बता दें कि इस वैक्सीन को लेकर सवाल इसलिए खड़े किए जा रहे हैं क्योंकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जिस कोरोना वैक्सीन के सफल होने का ऐलान किया था, उसकी जांच सिर्फ 38 लोगों पर की गई थी। रूस के आधिकारिक दस्तावेजों के हवाले से डेली मेल की रिपोर्ट में ये खुलासा किया गया है। वहीं, वैक्सीन के कई साइड इफेक्ट्स की जानकारी भी सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ 38 लोगों पर जांच के बाद वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई।

russia corona vaccine

लेकिन इस वैक्सीन के रिसर्च की फंडिंग करने वाले समूह के प्रमुख किरिल दमित्रीव ने कहा है कि रूस अन्य देशों को नवंबर तक वैक्सीन की सप्लाई कर सकता है। इससे पहले रूस ने बताया था कि भारत सहित 20 देश उसकी वैक्सीन खरीदने में रुचि जाहिर कर चुके हैं। मतलब भारत को भी रूस यह वेक्सीन नवंबर के महीने में सप्लाई करना शुरू कर देगा।

corona vaccine in russia

रूस का कहना है कि अक्टूबर में वह अपने देश में बड़े पैमाने पर लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए कार्यक्रम शुरू करेगा। हालांकि, रूसी वैक्सीन का फेज-3 ट्रायल अभी पूरा नहीं हुआ है। इसलिए दुनियाभर के एक्सपर्ट अभी इस वैक्सीन को सफल नहीं कह रहे हैं। फेज-3 ट्रायल के रिजल्ट आने पर ही वैक्सीन के बारे में पुख्ता जानकारी सामने आएगी।

putin

रूसी डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) के प्रमुख किरिल दमीत्रीव ने बुधवार को कहा कि यह वैक्सीन सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि यह साबित करने के लिए हम अगस्त और सितंबर में डेटा प्रकाशित करेंगे। अब तक रूस ने वैक्सीन से जुड़ा साइंटिफिक डेटा प्रकाशित नहीं किया है।

PM Modi and Putin

वहीं आपको बता दें कि यह वैक्सीन किसी भी आदमी को दो बार लगाया जाएगा। इसके बारे में रूसी सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया कि वैक्सीन में दो अलग-अलग इंजेक्ट करने वाले घटक हैं, इसलिए दोनों का टीका अलग-अलग वक्त पर लगाया जाएगा। इससे वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।