कश्मीर मुद्दे पर सऊदी को धमकी देना पाकिस्तान को पड़ा भारी, रूक गई फ्री के तेल की सप्लाई, अब मचा त्राहिमाम
बता दें कि घोर आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान को उबारने के लिए इमरान सरकार ने वर्ष 2018 में सऊदी अरब से 6.2 अरब डॉलर यानी करीब 46 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। इस उधार में 3.2 अरब डॉलर यानी करीब 24 हजार करोड़ रुपये की राशि का तेल कर्ज में देने का प्रावधान किया गया था।
नई दिल्ली। कश्मीर मुद्दे पर सऊदी अरब को धमकी देना पाकिस्तान को भारी पड़ा गया है। सऊदी अरब ने पाकिस्तान को उधार में तेल देने पर रोक लगा दी है। दरअसल सऊदी अरब ने यह कदम पाकिस्तान की कश्मीर मुद्दे पर आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज को दो-फाड़ करने की धमकी देने के बाद उठाया है। पाकिस्तान अब गिड़गिड़ा रहा है लेकिन सऊदी अरब अब कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है।
बता दें कि घोर आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान को उबारने के लिए इमरान सरकार ने वर्ष 2018 में सऊदी अरब से 6.2 अरब डॉलर यानी करीब 46 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। इस उधार में 3.2 अरब डॉलर यानी करीब 24 हजार करोड़ रुपये की राशि का तेल कर्ज में देने का प्रावधान किया गया था।
दरअसल, पिछले दिनों पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक टीवी कार्यक्रम में सऊदी अरब को धमकी दे डाली थी। शाह ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर सऊदी अरब ने आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (ओआइसी) के विदेश मंत्रियों की आपात बैठक नहीं बुलाई तो पाकिस्तान खुद यह बैठक बुला सकता है। उन्होंने कहा, ‘अगर सऊदी अरब बैठक नहीं बुलाता है तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से यह आग्रह करने के लिए विवश हो जाऊंगा कि वे खुद उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाएं, जो कश्मीर के मुद्दे पर हमारा साथ देने के लिए तैयार हैं।’
दुनिया में मुस्लिम देशों का सबसे बड़ा संगठन ओआइसी पाकिस्तान के इस आग्रह को कई बार ठुकरा चुका है। ओआइसी का समर्थन न मिल पाने की एक बड़ी वजह पाकिस्तान और तुर्की के बीच बढ़ती निकटता है, जिससे सऊदी अरब चिढ़ा हुआ है।