USA: अमेरिका में SC कोर्ट ने पलटा 50 साल पुराना ऐतिहासिक फैसला, गर्भपात को लेकर बनाए ये नियम…

USA: फेडरल कोर्ट के फैसले के दो साल बाद मैककॉर्वी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने ही उनके पक्ष में फैसला सुनाया और उन्हें गर्भपात की इजाजत दे दी। फैसले के दौरान कोर्ट ने कहा था कि गर्भ का क्या करना है, ये निर्णय महिला का होना चाहिए।

Avatar Written by: June 25, 2022 12:35 pm

नई दिल्ली। अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसके तहत गर्भपात के संवैधानिक अधिकार को समाप्त कर दिया है। कोर्ट ने ये फैसला देकर अपने ही 50 साल पुराने उस ऐतिहासिक फैसले में बदलाव किया है, जिसमें महिलाओं को गर्भपात करवाने का कानूनी अधिकार दिया गया था। उच्च न्यायालय ने फैसले में कहा कि ‘संविधान गर्भपात का अधिकार प्रदान नहीं करता है। कोर्ट ने ‘रो वी वेड’ केस को खारिज कर दिया है। हालांकि, अमेरिका के सभी राज्य अपनी सहूलियत के हिसाब से गर्भपात को लेकर अपने नए नियम-कानून बना सकते हैं।’ गौरतलब है, कि जिस ऐतिहासिक फैसले को पलटा गया है, उसे अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने ही साल 1973 में ‘रो बनाम वेड’ केस के तहत दिया था। उस मामले में नॉर्मा मैककॉर्वी नाम की एक गर्भवती महिला, जिसके पहले से ही दो बच्चे थे, तीसरा बच्चा नहीं चाहती थीं। ऐसे में गर्भपात की अनुमति लेने के लिए उन्होंने अमेरिका के फेडरल कोर्ट का रुख किया, लेकिन उस समय फेडरल कोर्ट ने उन्हें गर्भपात की इजाजत नहीं दी थी।

फेडरल कोर्ट के फैसले के दो साल बाद मैककॉर्वी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने उनके ही पक्ष में फैसला सुनाया और उन्हें गर्भपात की इजाजत दे दी। फैसले के दौरान कोर्ट ने कहा था कि ‘गर्भ का क्या करना है, ये निर्णय महिला का होना चाहिए।’ इस फैसले के बाद से ही अमेरिका में महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात का अधिकार प्राप्त हो गया था। लेकिन अब 50 साल बीतने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने उसी फैसले को पलट दिया है, जो देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मुद्दे की गंभीरता देखते हुए  राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस फैसले का विरोध कर रहे लोगों से अपील करते हुए कहा है कि ‘प्रदर्शन को शांतिपूर्ण रखा जाए।’

उन्होंने आगे कहा कि ‘हालांकि, सुप्रीम कोर्ट हमें काफी खतरनाक रास्ते पर ले जा रहा है, लेकिन फिर भी इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोग कानून को अपने हाथ में ना लें।’ वहीं, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को अस्वीकार करते हुए सीधे तौर पर निजता हनन बताया है। उनके अनुसार, ‘कोर्ट ने 50 साल पुराना आदेश न केवल वापस लिया है, बल्कि उन्होंने अमेरिकियों की निजी स्वतंत्रता पर भी हमला किया है।’