IAS Shah Faesal: तो फिर भारत में मुस्लिम PM क्यों नहीं..? ऋषि सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने से भड़के कट्टरपंथी, तो शाह फैसल ने दिया करारा जवाब
IAS Shah Faesal: ऋषि सुनक के ट्वीट में छुपे गहरे निहितार्थों से अवगत होने से पहले आप यह जान लीजिए कि कट्टरपंथी इस बात को लेकर सवाल उठा रहे थे कि क्या जिस तरह से ब्रिटेन में एक अल्पसंख्यक को ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला है, क्या वैसा ही मौका भारत में किसी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मिल सकता है? जिस पर शाह फैसल ने खुद सामने आकर मुंहतोड़ जवाब दिया है। आइए, आगे जानते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है।
नई दिल्ली। चलिए मान लेते हैं कि सियासतदान होने के नाते आपका यह मूल कर्तव्य हो जाता है कि आप किसी ना किसी मसले पर अपने लिए सियासी अवसर तलाशते रहे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं हो जाता ना कि आप किसी भी अर्थपूर्ण विषय पर अर्थहीन तकरीरों की दरिया बहाने पर ही आमादा हो जाए। अब आप ही देख लीजिए। बीते दिनों ब्रिटेन, जिसने तकरीबन 200 वर्षों तक हम पर राज किया, लेकिन समय का पहिया ऐसा घूमा कि आज एक भारतवंशी वहां प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुआ। समझ ही गए होंगे आप। हम किसकी बात कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं ऋषि सुनक की। यह वही ऋषि सुनक हैं, जो महज सात साल की संसदीय अनुभवों के आधार पर ही प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुए हैं। यह पल यकीनन हम सभी भारतवासियों के लिए ना महज खुशी, बल्कि गर्व का भी पल है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हमारे यहां कुछ ऐसे भी विकृत मानसिकता के लोग हैं, जिनके यह गले नहीं उतर पा रहा है कि कैसे एक भारतवंशी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान हो गया। आखिर कैसे?
आखिर क्या कहना है ऐसे लोगों का?
आपको बता दें कि अब यह लोग ऋषि सुनक के प्रधानंत्री की तुलना हिंदुस्तान की लोकतांत्रिक प्रणाली से कर रहे हैं। कह रहे हैं कि देखिए ब्रिटेन ने तो एक अल्पसंख्यक को यहां तक मौका दिया कि वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए, क्योंकि उन्हें ब्रिटेन ने मौका दिया। यह लोग कह रहे हैं कि ब्रिटेन में अल्पसंख्यकों के हित की रक्षा की जाती है। उनके अधिकारियों का आदर किया जाता है, जबकि इसके विपरीत भारत में ऐसी स्थिति बिल्कुल भी नहीं है। भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार अपने चरम पर है और हालात भी दुरूह हो चुके हैं। यहां तक की अल्पसंख्यकों का जीना भी दुभर हो चुका है। इतना ही नहीं, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ऐसे उलजुलूल बातें करने वालों की संख्या एक या दो नहीं, बल्कि बेशुमार है, लेकिन अब ऐसे लोगों को करार जवाब देने के लिए सामने हैं जम्मू-कश्मीर कैडर के आएएस अफसर शाह फैसले। उन्होंने अपने ट्वीट में बेहद ही प्रभावशाली शब्दों का इस्तेमाल कर ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। आइए, आगे हम आपको शाह फैसल के ट्वीट दिखाते हैं।
तो पढ़िए शाह फैसले का ट्वीट
आपको बता दें कि प्रशासनिक अधिकारी शाह फैसले को जैसे ही खबर हुई कि ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारतीय राजनीति में मौजूदा कुछ लोगों को मिर्ची लग गई है, तो वे अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाए और उन्होंने ऐसे लोगों को करारा जवाब देने के लिए फौरन ट्वीट किया। ध्यान रहे कि उन्होंने अपने ट्वीट में दो मुख्य बातों का जिक्र किया। जिसमें अल्पसंख्यक सहित ब्रिटेन में ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने का मसला समाहित था। उन्होंने सर्वप्रथम भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति प्रकाश डाला है और इसके बाद उन्होंने ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर कट्टरपंथियों को जो मिर्ची लगी है, उन्हें भी करारा जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अल्पसंख्यकों की स्थिति पर डाला प्रकाश
शाह फैसल ने कहा कि,’ किसी भी अन्य कथित इस्लामिक देशों की तुलना में मेरी अपनी जीवन-कथा एक यात्रा के बारे में है, कंधे से कंधा मिलाकर, इस देश के 1.3 बिलियन लोगों के प्रत्येक नागरिक के साथ, जहां मैंने हर कदम पर स्वामित्व, सम्मान, प्रोत्साहन और कई बार लाड़-प्यार महसूस किया है। वह भारत है। तो उम्मीद है कि जो लोग अल्पसंख्यकों की दुरूह स्थिति के नाम पर तकरीरों की दरिया बहाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं, उन्हें शाह फैसल के इस ट्वीट को पढ़कर कुछ अक्ल तो आई ही होगी। चलिए, आगे आपको बताते हैं कि आखिर उन्होंने ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने जिन कट्टरपंथियों ने अल्पसंख्यकों की दुरूह स्थिति का राग अलापा है, उन्हें कैसे मुंहतोड़ जवाब दिया है।
From Maulana Azad to Dr. Manmohan Singh and Dr. Zakir Hussain to HE President Droupadi Murmu, India has always been THE land of equal opportunity and the road to the top is open to all.
Won’t be wrong if I say I have been to the mountain top and seen it for myself. 4/4!
— Shah Faesal (@shahfaesal) October 25, 2022
ऋषि सुनक पर परोक्ष रूप से शाह फैसल का बयान
तो ऋषि सुनक के ट्वीट में छुपे गहरे निहितार्थों से अवगत होने से पहले आप यह जान लीजिए कि कट्टरपंथी इस बात को लेकर सवाल उठा रहे थे कि क्या जिस तरह से ब्रिटेन में एक अल्पसंख्यक को प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला है, क्या वैसा ही मौका भारत में किसी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को मिल सकता है? जिस पर शाह फैसल ने खुद सामने आकर मुंहतोड़ जवाब दिया है। आइए, आगे जानते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है।
मौलाना आज़ाद से लेकर डॉ मनमोहन सिंह और डॉ. जाकिर हुसैन से लेकर महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक, भारत हमेशा समान अवसरों की भूमि रहा है और शीर्ष तक का रास्ता सभी के लिए खुला है। गलत नहीं होगा अगर मैं कहूं कि मैं पहाड़ की चोटी पर गया हूं और इसे अपने लिए देखा है।
तो इतिहास को पिटारे को खोलकर जिस तरह से शाह फैसल ने कट्टरपंथियों की बोलती बंद की है, उससे यह साफ जाहिर होता है कि अब ऐसे लोगों को दोबारा से अपनी ओछी मानसिकता की नुमाइश करने के लिए एक दफे नहीं, बल्कि हजार मर्तबा सोचना होगा।
भारत में खुशी की लहर
ध्यान रहे कि 200 साल बाद ब्रिटेन में कोई भारतवंशी प्रधानमंत्री पद पर विराजमान हुआ है, जिनका नाम ऋषि सुनक है। उन्होंने प्रत्येक भारतीय को गौरवान्वित किया है। वो ब्रिटेन जिसका कभी भारत पर राज हुआ करता था, आज वहां किसी भारतवंशी का राज हो गया। यकीन मानिए, यह जानकर ही दिल हर्ष प्रफुल्लित हो उठता है। बता दें कि ऋषि सुनक बेरिस जॉनसन के कैबिनेट में वित्त मंत्री का पदभार भी संभाल हो चुके हैं। उन्होंने कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे ब्रिटेन का आर्थिक मोर्चे पर संचालन किया था, उससे पूरा ब्रिटेन उनका कायल हो गया था। पीएम पद का पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने अपने संबोधन में मात्र 6 सप्ताह तक प्रधानमंत्री पद पर रही लिज ट्रस पर भी परोक्ष रूप से निशाना साधा।
उन्होंने कहा था कि पूर्व में कुछ गलतियां हुईं हैं, जिन्हें अब अगर समय पर दुरूस्त नहीं किया गया तो हालात आगामी दिनों में दुरूह हो सकते हैं। इतना ही नहीं, सरकार में आने के बाद ऋषि सुनक अपने कैबिनेट से कई लोगों को बाहर का रास्ता भी दिखा चुके हैं। अब ऐसी स्थिति में आगामी दिनों में ऋषि सुनक के कार्यकाल में ब्रिटेन की राजनीति में क्या कुछ परिवर्तन देखने को मिलता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।