नई दिल्ली। इस कोरोना संकट के बीच उत्तर कोरिया ने अपने प्रतिद्वंदी देश दक्षिण कोरिया के साथ सैन्य और राजनीतिक संपर्कों को खत्म करने का निर्णय लिया है। सीमा पर उत्तर कोरिया के खिलाफ पर्चे भेजे जाने से उसने अपने प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया को लेकर यह फैसला किया है। कोरियाई केंद्रीय समाचार एजेंसी के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने सीमा पर उसके खिलाफ पर्चे भेजने से लोगों को नहीं रोक पाने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया की निंदा की।
इसको लेकर मंगलवार को शुरुआती कदम के रूप में, उत्तर कोरिया एक अंतर-कोरियाई संपर्क कार्यालय में संचार की लाइन और राष्ट्रपति कार्यालयों के बीच हॉटलाइन को खत्म कर देगा। केसीएनए ने कहा कि उत्तर कोरिया के लोग दक्षिण कोरिया के अधिकारियों के विश्वासघाती और चालाक व्यवहार से नाराज हैं, जिसके चलते यह फैसला लिया गया।
#BREAKING North Korea will cut military and political communication lines to “enemy” South Korea on Tuesday, state media said, after threats over activists sending anti-Pyongyang leaflets over the border pic.twitter.com/ebbYN6rEyF
— AFP news agency (@AFP) June 8, 2020
दक्षिण कोरिया के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने गैर-जिम्मेदाराना रूप से उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेतृत्व (किम जोंग उन) की गरिमा को चोट पहुंचाई है। यह हमारे सभी लोगों के लिए संकेत था कि हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि दक्षिण कोरियाई अधिकारियों के साथ आमने-सामने बैठने की ज़रूरत नहीं है। इसके साथ ही अब दक्षिण कोरिया के साथ चर्चा करने के लिए कोई समस्या नहीं है, क्योंकि उन्होंने केवल हमारी निराशा को जगाया है।
बता दें कि इससे पहले किम जोंग उन की बहन ने चेतावनी दी थी कि अगर दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरियाई विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो उनका देश संबंध तोड़ लेगा। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर कोरिया के साथ लगी दक्षिण कोरिया की सीमा से उत्तर कोरियाई विद्रोहियों द्वारा कई बार गुब्बारे उड़ाए जाते हैं। इन गुब्बारों पर तानाशाह किम जोंग उन के परमाणु कार्यक्रमों का विरोध होता है और भला-बुरा कहा जाता है। कई बार उनमें गाली भी लिखी होती है।