नई दिल्ली। यूक्रेन में रूस की ‘विशेष सैन्य कार्रवाई’ लगातार तेज हो रही है। रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीएव समेत तमाम अन्य शहरों पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है। यूक्रेन पर हमले के बाद रूस को अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों से रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। पश्चिमी देशों की ओर से अब तक रूस के फाइनेंशियल सेक्टर, एनर्जी और ट्रांसपोर्ट सेक्टर, डुअल यूज गुड्स, एक्सपोर्ट कंट्रोल, वीजा पॉलिसी के साथ रूस के प्रभावशाली लोगों पर प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं। कई बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां बीते दिनों में रूसी मार्केट से एक्जिट करने का ऐलान कर चुकी हैं। वहीं, ईयू भी रूस को ग्लोबल इंटरबैंक पेमेंट्स सिस्टम्स (SWIFT) से बाहर कर चुका है। वहीं अब रूस भारत को भी विकल्प के तौर पर देख रहा है।
रूस के लिए विकल्प बना भारत
बता दें कि, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पिछले साल भारत दौरे पर आए थे, तब कुछ अहम समझौते थे, जो अब रूसे के लिए बड़े काम के साबित हो सकते हैं। दरअसल, पुतिन के भारत दौरे के दौरान भारत के डिजिटल पेमेंट इंटरफेस यूपीआई (UPI) और घरेलू पेमेंट सिस्टम रूपे (RuPay) को लेकर भारत और रूस में अहम समझौते हुए थे। इस दौरान दोनों देशों ने नेशनल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर में RuPay और Mir Card के इस्तेमाल को लेकर सहमति बनी थी। इसी दौरान यूपीआई और बैंक ऑफ रशिया के फास्टर पेमेंट सिस्टम के इंटेरेक्शन को लेकर भी सहमति बनी थी। अब रूस इन्हीं समझौतों का फायदा उठाकर आर्थिक प्रतिबंधों से खुद को उभार सकता है।
रूसी मार्केट से बाहर निकलने वाली कंपनियों में क्रेडिट कार्ड और पेमेंट्स की दिग्गज कंपनी वीजा (Visa) और मास्टरकार्ड (MasterCard) भी शामिल हैं। अब रूस में जारी किए गए वीजा कार्ड के साथ शुरू किए गए सभी लेन-देन देश के बाहर काम नहीं करेंगे। कंपनी के देश से बाहर निकलने पर वहां के आम नागरिकों का काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब रूसी बैंक चीन के पेमेंट सिस्टम (Chinese Payment System) का अपना रहे हैं।