नई दिल्ली। देश में कोरोना के मरीजों की संख्या में देखा जाय तो तबलीगी जमात के मरकज में शामिल हुए लोगों की संख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर तबलीगी जमात के लोगों के जरिए ये वायरस ना फैला होता तो लॉकडाउन के बढ़ने की उम्मीद बहुत कम ही थी। लेकिन अब जिस तरह से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है उसके हिसाब से स्थिति काफी गंभीर है।
फिलहाल तबलीगी जमात की करतूत सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी दिखाई दे रही है। बता दें कि जिस तरह दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हजारों तबलीगी जुटे और फिर घातक वायरस लेकर देश के कई कोनों में फैल गए, उसी तरह पाकिस्तान के रावलपिंडी में भी उन्होंने चेतावनियों को दरकिनार करके सालाना सम्मेलन किया और कोरोना संक्रमण बढ़ाने के जिम्मेदार बने। पाकिस्तान में भी तबलीगी जमात को गैर-जिम्मेदाराना रवैये के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट में पंजाब स्पेशल ब्रान्च के हवाले से कहा गया है कि 10 मार्च को तबलीगी जमात के सम्मेलन में 70 से 80 हजार लोग जुटे थे। हालांकि, जमात प्रबंधन ने दावा किया है कि 2.50 लाख से अधिक लोग इसमें शामिल हुए थे। इसमें 40 देशों के 3 हजार विदेशी नागरिक भी थे। पाकिस्तान में अब तक 4196 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं और 60 की मौत हो चुकी है।
डॉन ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि, रावलपिंडी के करीब 2 लाख निवासी लॉकडाउन में हैं। जमात में शामिल करीब 10,263 लोगों को पंजाब के 36 जिलों में क्वारंटाइन किया गया है, जबकि हजारों की तलाश चल रही है। अब तक तबलीगी जमात के 539 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। रावलपिंडी मरकज से 404 लोग संक्रमित मिले हैं।
पाकिस्तान में जमात द्वारा निर्देशों का लगातार उल्लंघन करने पर वहां प्रशासन ने जमात के बड़े पदाधिकारियों से बात की। इसके बाद 6 दिन के इवेंट को 3 दिन में खत्म किया गया। सम्मेलन खत्म होने के बाद हजारों लोग अपने घरों को चले गए, लेकिन 3 हजार विदेश सहित करीब 5 हजार लोग वहीं रह गए।