newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Sri Lanka crisis: श्रीलंका में दंगाइयों का तांडव जारी, भयावह हुए हालात, सरकार ने दिया देखते ही गोली मारने का आदेश

मौजूदा वक्त में श्रीलंका चीन के कर्ज तले दबा हुआ है। जिसके बाद लोगों का रोष महिंदा राजपक्षे के खिलाफ अपने चरम पर पहुंच गया और उन्होंने प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की। बता दें कि बीते दिनों भारत की तरफ से भी श्रीलंका को आर्थिक मदद पहुंचाई गई थी।

नई दिल्ली। श्रीलंका में प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के उपरांत हालातों की भयावहता का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि सरकार की तरफ दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दे दिया गया है। बता दें कि यह आदेश ऐसे वक्त में दिया गया है, जब लगातार शरारती तत्वों द्वारा हिंसा फैलाई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महिंदा राजपक्षे के समर्थकों की तरफ से देश में राजनीतिक माहौल बिगाड़ने के ध्येय से उपरोक्त कुकृत्यों को अंजाम दिया जा रहा है। हालांकि, महिंदा ने अपने समर्थकों को कह दिया है कि ऐसा कोई भी कदम न उठाए, जिससे किसी को भी नुकसान पहुंचे। बता दें कि बीते सोमवार को हुई हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद भी प्रदर्शनकारियों का उग्र नहीं थमा। इन लोगों ने प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया।

Sri Lanka: श्रीलंका में महंगाई के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन, लोगों ने राष्ट्रपति आवास घेरा, जला दीं गाड़ियां, लगा कर्फ्यू - inflation increased violent Protest outside Sri ...

मीडिया में आई खबरों की माने तो विपक्षी दलों की तरफ से देश के राजनीतिक माहौल को बिगाड़ने के लक्ष्य से उपरोक्त कृत्यों को अंजाम दिया जा रहा है। वहीं, राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने खुद ट्विटर पर लोगों को ऐसा ना करने के लिए कहा है, लेकिन देश के माहौल से साफ जाहिर हो रहा है कि उनकी बातों का कोई असर नहीं पड़ रहा है।  लिहाजा अब रक्षा मंत्रालय की तरफ से दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के निर्देश दे दिए गए हैं। उधर, श्रीलंका में अस्थिर होते राजनीतिक माहौल के बीच खबर आई थी कि महिंदा राजपक्षे देश छोड़कर भाग चुके हैं, लेकिन अब उनके बेटे ने सार्वजनिक तौर पर सामने आकर ऐसी खबरों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि उनके पिता कहीं नहीं भागे हैं। वे यहीं पर हैं और उनके भागने की कोई मंशा नहीं है। ध्यान रहे कि विगत चार दिनों से श्रीलंका में आपातकाल सरीखे हालात हैं। वहीं, बीते सोमवार को बेकाबू होते हालातों को ध्यान में रखते हुए देश में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया था, जिसके अभी लंबे समय तक बने रहने के आसार नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि विगत कई माह से श्रीलंका में आर्थिक बदहाली अपने चरम पर पहुंच चुकी थी। लिहाजा आर्थिक मदद के लिए श्रीलंका को दूसरे देशों का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है।

आखिर किन वजहों से श्रीलंका के बिगड़े इतने हालात? क्यों आई इमरजेंसी लगाने…

मौजूदा वक्त में श्रीलंका चीन के कर्ज तले दबा हुआ है। जिसके बाद लोगों का रोष महिंदा राजपक्षे के खिलाफ अपने चरम पर पहुंच गया और उन्होंने प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की। बता दें कि बीते दिनों भारत की तरफ से भी श्रीलंका को आर्थिक मदद पहुंचाई गई थी। भारत ने यह भी कहा था कि हम अपने पड़ोसी देश को मदद पहुंचाते रहेंगे। लेकिन श्रीलंका के मौजूदा हालात स्थितियों के दुरूस्त होने के संकेत देते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। मगर अब ऐसी स्थिति में श्रीलंका के आर्थिक और राजनीतिक हालात क्या रुख अख्तियार करते हैं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।