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संयुक्त राष्ट्र का एशियाई देशों पर फूटा गुस्सा, कहा कई देशों में हो रहा कोरोना के नाम पर मानवाधिकार का हनन

संयुक्त राष्ट्र का एशियाई देशों पर गुस्सा फूटा हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि चीन और भारत समेत कई एशियाई देश अपने यहां कोरोनावायरस के नाम पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगाम कस रहे हैं, सख्त प्रतिबंध लगा रहे हैं।

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र का एशियाई देशों पर गुस्सा फूटा हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि चीन और भारत समेत कई एशियाई देश अपने यहां कोरोनावायरस के नाम पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगाम कस रहे हैं, सख्त प्रतिबंध लगा रहे हैं।

अधिकारी ने कहा जबरदस्ती गिरफ्तारियां हो रही हैं। लोग हिरासत में डाले जा रहे हैं। ये बेहद गलत कदम है। ये मानवाधिकारों के खिलाफ ह। सरकारों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। यूएन राइट्स प्रमुख मिशेल बैशलेट ने इस मुद्दे पर बयान जारी किया हैं। जिसमें उन्होंने कहा कि एशियाई देशों में उन लोगों के साथ ज्यादती हो रही है, जो अपनी सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इसकी वजह से गिरफ्तारियां हो रही हैं। साथ ही लोग हिरासत में डाले जा रहे हैं। जबकि, पीड़ित लोग सिर्फ जानकारियां और सूचनाएं शेयर कर रहे थे।

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उनका कहना है कि बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन, भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल, म्यांमार, फिलीपींस, श्रीलंका, थाईलैंड और वियनाम में उन लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है, जो सोशल मीडिया के जरिए सूचनाएं दे रहे हैं। जबकि, उनपर आरोप लगाया जाता है कि वे प्रेस और सोशल मीडिया के जरिए झूठी सूचनाएं और अफवाहें फैला रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ये जरूरी है कि गलत सूचनाओं को रोकना चाहिए ताकि आम जनता की सेहत और सुरक्षा का ख्याल रखा जा सके। लेकिन इसके नाम पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाना या कार्रवाई सही नहीं है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकारों के पास कार्रवाई करने का कानूनी अधिकार है ताकि गलत सूचनाएं और अफवाहें न फैलें लेकिन उन्हें समाज के हर हिस्से की संवेदनशीलता और कार्रवाई की तीव्रता का ध्यान रखकर कदम उठाना होगा। मिशेल बैशलेट ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के नाम पर सूचनाओं के सहज आदान-प्रदान, प्रवाह और स्वतंत्र अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए। चीन पर तो मिशेल काफी नाराज नजर आईं।