ट्रंप ने WHO को चिट्ठी लिखकर दी चेतावनी, कहा 30 दिन में करें बड़े बदलाव वरना…
ट्रंप ने चिट्ठी में आगे लिखा है कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन में अपनी मेंबरशिप पर भी दोबारा विचार कर सकता है। गौरतलब है कि अमेरिका की ओर से लगातार इस बात का आरोप लगाया गया है कि डब्ल्यूएचओ ने कोरोनावायरस के मामले में घोर लापरवाही बरती है और पूरी तरह से चीन का पक्ष लिया है, इसी वजह से दुनिया को भुगतना पड़ रहा है।
नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस को लेकर अमेरिका और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के बीच तकरार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस घेब्रेयेसस को चिट्ठी लिखकर चेतावनी दी है। ट्रंप ने इस चिट्ठी में लिखा है कि अगर अगले 30 दिनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन, अपनी नीति और संगठन में बड़ा बदलाव नहीं करता है तो अमेरिका अपनी फंडिंग को हमेशा के लिए बंद कर देगा।
इतना ही नहीं ट्रंप ने चिट्ठी में आगे लिखा है कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन में अपनी मेंबरशिप पर भी दोबारा विचार कर सकता है। गौरतलब है कि अमेरिका की ओर से लगातार इस बात का आरोप लगाया गया है कि डब्ल्यूएचओ ने कोरोनावायरस के मामले में घोर लापरवाही बरती है और पूरी तरह से चीन का पक्ष लिया है, इसी वजह से दुनिया को भुगतना पड़ रहा है।
US President Trump writes to Tedros Ghebreyesus, WHO Director General. Letter states, “If WHO doesn’t commit to major substantive improvements within the next 30 days, I will make my temporary freeze of US funding to WHO permanent & reconsider our membership in the organisation”. pic.twitter.com/iYIUnx3io5
— ANI (@ANI) May 19, 2020
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के द्वारा लिखी गई चिट्ठी में डब्ल्यूएचओ पर आरोप लगाया गया है कि दिसंबर, 2019 में वुहान से कोरोना वायरस को लेकर जो भी रिपोर्ट्स आईं उनको नज़रअंदाज किया गया। इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ पर हमला करते हुए इस चिट्ठी में कुछ पुराने बयानों का भी जिक्र किया गया है, जिसमें ये दावा किया गया था कि कोरोनावायरस इंसान से इंसान में नहीं फैलता है।
डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा कि डब्ल्यूएचओ अगले तीस दिनों में सख्त फैसला ले, वरना बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति वह अपने देश के लोगों के टैक्स का पैसा इस तरह बर्बाद नहीं कर सकते हैं।
गौरतलब है कि कोरोनावायरस का कहर सबसे ज्यादा अमेरिका में ही देखने को मिला है, जहां अबतक 15 लाख से अधिक लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जबकि 90 हजार से अधिक लोगों आपनी जान गवा चुके है।