मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड जकी उर रहमान लखवी को 5 साल की सजा, अमेरिका ने दी पाक को नसीहत
Zaki ur Rehman: पाकिस्तान(Pakistan) की तरफ से आतंकवादियों पर हो रही कार्रवाई के पीछे अहम वजह ये मानी जा रही है कि पाक FATF (Financial Action Task Force) के एक्शन से बचना चाहता है, इसके लिए उसने ये कदम उठाया है।
नई दिल्ली। लश्कर-ए-तैयबा के सरगना और मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड जकी उर रहमान लखवी को पाकिस्तान की एक अदालत ने 5 साल की सजा सुनाई है। मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड को पाकिस्तान ने टेरर फंडिंग यानी आतंकवाद को आर्थिक मदद पहुंचाने के मामले में 5 साल की सजा सुनाई है। बता दें कि इस फैसले के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगाने व मुंबई हमले को लेकर नसीहत दे डाली है। गौरतलब है कि, अमेरिका ने इस फैसले के बाद उम्मीदें जाहिर की हैं, लेकिन इसी के साथ पाकिस्तान को नसीहत दी है कि जकी उर रहमान के अपराध टेरर फंडिंग तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वो कई और आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। अमेरिका ने पाकिस्तान को दो टूक में कहा है कि अब पाकिस्तान को मुंबई आतंकी हमले के लिए भी जकी उर रहमान को जिम्मेदार ठहराते हुए सजा देना चाहिए।
बता दें कि पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत के इस फैसले से अमेरिकी विदेश विभाग के ब्यूरो ऑफ साउथ एंड सेंट्रल अफेयर्स ने काफी उम्मीदें जताई हैं। ब्यूरो ऑफ साउथ एंड सेंट्रल अफेयर्स ने कहा, “जकी उर रहमान लखवी की हालिया सजा से हम प्रोत्साहित हैं। हालांकि, उसके अपराध, आतंकवाद की फंडिंग से बहुत ज्यादा हैं। पाकिस्तान को उसे मुंबई हमलों के लिए आतंकवादी हमलों में शामिल होने के लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए।”
We’re encouraged by recent conviction of Zaki ur Rehman Lakhvi. However, his crimes go far beyond financing terrorism. Pakistan must further hold him accountable for his involvement in terrorist attacks incl Mumbai attacks: US Dept of State,Bureau of South & Central Asian Affairs pic.twitter.com/EUPYXGFrkE
— ANI (@ANI) January 9, 2021
पाकिस्तान की तरफ से आतंकवादियों पर हो रही कार्रवाई के पीछे अहम वजह ये मानी जा रही है कि पाक FATF (Financial Action Task Force) के एक्शन से बचना चाहता है, इसके लिए उसने ये कदम उठाया है। दरअसल पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में है और अगर उसने आतंकवाद को रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है। अगर पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाता है तो पहले से ही आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान की कई आर्थिक मददें रुक जाएंगी।