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इमरान खान की किरकिरी होनी तय, सीरिया में ISIS से पाक कनेक्शन खोज रहा है अमेरिका

दिल्ली(Delhi) और वाशिंगटन में आतंकवाद(Terrorism) विरोधी अधिकारियों के अनुसार इन आतंकियों में से चार ने तुर्की और सूडान जैसे किसी अन्य देश की नागरिकता हासिल की थी।

नई दिल्ली। पाकिस्तान अमेरिका की नजरों में कुछ ऐसा घिरा हुआ है कि जिसके चलते अब इमरान खान की फजीहत होनी तय है। दरअसल अमेरिका अब सीरिया में पाकिस्तान और ISIS के बीच लिंक तलाश रहा है। बता दें कि अमेरिका ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट मूवमेंट में पाकिस्तानियों की भूमिका की जांच शुरू कर दी है।

A State Department contractor adjust a flag before a meeting between U.S. Secretary of State Kerry and Pakistan's Interior Minister Khan on the sidelines of the White House Summit on Countering Violent Extremism at the State Department in Washington

अमेरिका के इस कदम से पाक पीएम इमरान खान की नींदे उड़ी हुई हैं। अमेरिका समर्थित और मुख्य रूप से कुर्द सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज ने उन 29 पाकिस्तानियों की लिस्ट साझा की है जिसमें एक दशक से इराक-सीरिया में इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ रहे थे लड़ाके शामिल हैं. ये इस वक्त हिरासत में हैं।

imran trump

दिल्ली और वाशिंगटन में आतंकवाद विरोधी अधिकारियों के अनुसार इन आतंकियों में से चार ने तुर्की और सूडान जैसे किसी अन्य देश की नागरिकता हासिल की थी। 29 में से नौ ISIS लड़ाके महिलाएं हैं। अमेरिकी सिक्योरिटी फोर्सेज इस वक्त इन पाकिस्तानी नागरिकों से पूछताछ कर रहे हैं कि उन्हें आईआईएस के लिए सीरिया में किसने भेजा, वो अल-कायदा या कौन से ग्रुप से संबंधित हैं। चूंकि अफगानिस्तान में खुरासान प्रांत में तथाकथित इस्लामिक स्टेट के साथ पाकिस्तान का गहरा संबंध जुड़ा हुआ है तो पूछताछ में इसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।

Islamic State militant

अफगानिस्तान में आईएसआईएस की मौजूदगी और ISKP जिसने गुरुद्वारा समेत काबुल में कई अन्य हमलाों को अंजाम दिया था। ISKP प्रमुख असलम फारुखी भी पाकिस्तानी नागरिक है और उसके ISI से संबंध रहे हैं, उसे बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया गया था। फारुखी इससे पहले आतंकी समूह लश्कर ए-तैय्यबा से जुड़ा रहा है। फारुखी फिलहाल अफगान सरकार की हिरासत में है। वहीं चीन की मदद से पाकिस्तान एफएटीएफ ग्रे सूची से बाहर निकलना चाहता है, इस नए मामले से भारतीय दावे की पुष्टि होती है कि इस्लामाबाद आतंकवाद का केंद्र है।