वॉशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप अपनी होने वाली सरकार में तमाम भारतवंशियों को अहम पद दे रहे हैं। अब उन्होंने काश पटेल को खुफिया एजेंसी संघीय जांच ब्यूरो यानी एफबीआई का निदेशक बनाने का एलान किया है। काश पटेल का नाम कश्यप पटेल है। उनके माता पिता गुजराती हैं। काश पटेल का जन्म 1980 में न्यूयॉर्क में हुआ था। उन्होंने अमेरिका के लॉन्ग आइलैंड स्थित स्कूल से ग्रेजुएशन किया। रिचमंड यूनिवर्सिटी से भी काश पटेल ने पढ़ाई की है। फिर न्यूयॉर्क से काश पटेल ने कानून की डिग्री ली। ब्रिटेन में भी काश पटेल ने कानून की पढ़ाई की है। काश पटेल का हमेशा कहना रहा है कि भारत से उनका गहरा जुड़ाव है। डोनाल्ड ट्रंप ने काश पटेल के बारे में हमेशा कहा है कि वो अमेरिका फर्स्ट की उनकी नीति के बड़े सिपहसालार हैं।
काश पटेल ने हत्या, ड्रग्स का कारोबार करने वालों के खिलाफ कई केस लड़े हैं। वो अमेरिका के तमाम कोर्ट में जूरी के सदस्य भी रहे। काश पटेल अमेरिका के मौजूदा रक्षा सचिव क्रिस्टोफर मिलर के चीफ ऑफ स्टाफ भई रह चुके हैं। अमेरिका की नेशनल सिक्युरिटी काउंसिल के अध्यक्ष और वरिष्ठ निदेशक के काश पटेल उप सहायक भी रहे। आतंकी संगठन अल-कायदा और आईएसआईएस को मिटाने की डोनाल्ड ट्रंप की नीति को लागू भी किया। काश पटेल अमेरिकी संसद के हाउस पर्मानेंट सिलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलिजेंस में वरिष्ठ वकील और नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर भी रहे। इस तरह खुफिया मामलों को वो पहले भी देखते रहे हैं। जब पिछली बार 2021 में ट्रंप ने राष्ट्रपति पद छोड़ा था, तो उन्होंने काश पटेल को उन लोगों में रखा, जो उनके राष्ट्रपति रहते सभी रिकॉर्ड हासिल कर सकते थे।
डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ जब पहला महाभियोग लगाया गया, तब काश पटेल ने अमेरिकी संसद, एफबीआई की जांच में हिस्सा लिया। ट्रंप पर पहले राष्ट्रपति रहने के दौरान चुनाव प्रचार में रूस का सहयोग लेने का आरोप लगा था। काश पटेल विवाद में भी घिरे हैं। हालांकि, काश पटेल को नो नॉनसेंस व्यक्ति कहा जाता है। अमेरिका के बारे में ट्रंप के विचारों के वो हमेशा समर्थक रहे हैं। उनका भी अवैध प्रवासियों और अमेरिका में अपराध के बारे में ट्रंप की तरह ही सख्त विचार हैं। ऐसे में ट्रंप ने काश पटेल को एफबीआई की अहम जिम्मेदारी दी है। अमेरिका में सीआईए के बाद एफबीआई को बहुत शानदार खुफिया एजेंसी माना जाता है। अमेरिका में होने वाले सभी बड़े अपराधों की जांच एफबीआई करती है।