काबुल। काबुल में आज महिलाओं का एक जत्था हिंसा पर उतारू हो गया। ये महिलाएं अपने हक की मांग करते हुए राष्ट्रपति भवन तक जा रही थीं। इन्हें तालिबान ने बीच में ही रोक लिया और आगे नहीं जाने दिया। इसके बाद महिलाएं काफी वक्त तो उनसे आगे जाने देने के लिए कहती रहीं। जब तालिबान ने उनकी मांग नहीं मानी, तो महिलाओं ने हिंसा शुरू कर दी। टोलो न्यूज का एक वीडियो सामने आया है। इसमें महिलाएं और तालिबान आपस में उलझते दिख रहे हैं। खबर के मुताबिक हिंसा पर उतारू महिलाओं को तितर-बितर करने के लिए तालिबान ने आंसू गैस के गोले दागे। वीडियो में दिख रहा है कि महिलाओं को रोकने के लिए तालिबान के दर्जनों बंदूकधारी सड़क पर मौजूद हैं। इस वीडियो में एक तालिबान नेता हाथ में लाउडस्पीकर लेकर महिलाओं को वहां से चले जाने को कह रहा है। एक अन्य तालिबान नेता भी हाथ के इशारे से महिलाओं को जाने के लिए कह रहा है। वीडियो में दिखता है कि इस तालिबान नेता के हाथ से एक महिला लाउडस्पीकर छीन लेती है। जिसके बाद वह महिलाओं को संबोधित करने लगती है।
तालिबान ने पहले कहा था कि वह महिलाओं के सम्मान की रक्षा करेगा और उन्हें काम भी करने देगा। तालिबान ने हालांकि अपने इन दोनों वादों को तोड़ दिया। बीते दिनों तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने बयान दिया था कि अफगानिस्तान के हालात को देखते हुए महिलाओं को अभी घर पर ही रहना चाहिए। वहीं, सरकारी टीवी चैनल में काम करने वाली कई महिला एंकर्स ने आरोप लगाया था कि जब वे दफ्तर गईं, तो वहां मौजूद तालिबान ने उन्हें घुसने नहीं दिया।
Video: A number of women rights activists and reporters protested for a second day in Kabul on Saturday, and said the protest turned violent as Taliban forces did not allow the protesters to march toward the Presidential Palace. #TOLOnews pic.twitter.com/X2HJpeALvA
— TOLOnews (@TOLOnews) September 4, 2021
तालिबान पूरे काबुल में फैले हुए हैं। 1990 के दशक में तालिबान ने जिस तरह अफगानिस्तान में खूनखराबा किया, उससे भी लोग दहशत में हैं। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद एक मस्जिद से तालिबान ने एलान कराया कि देश को शरीयत के हिसाब से चलाया जाएगा। यानी चोरी करने की सजा हाथ काटकर दी जाएगी। अगर अवैध संबंध का आरोप साबित हुआ, तो गड्ढे में आधा दफनाकर पत्थरों से मारकर मौत की सजा दी जाएगी। पहले के तालिबान शासन के दौरान भी ऐसी घटनाएं सामने आती थीं।