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World Population: 8 अरब के पार हुई दुनिया की आबादी, आगे चलकर चीन को पीछे छोड़ देगा भारत!

मौजूदा आबादी की संख्या काफी गंभीर स्थिति की ओर इशारा करती है। इसकी वजह ये है कि धरती पर जगह, पानी और अन्य संसाधन लगातार कम होते जा रहे हैं। पश्चिम में कहावत भी है कि अगला विश्वयुद्ध पानी की कमी के कारण होगा। भारत समेत कई देशों में रहने की जगह की कमी और भूजल स्तर में गिरावट भी चिंताजनक है।

न्यूयॉर्क। दुनिया की आबादी 800 करोड़ यानी 8 अरब को पार कर चुकी है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक तेजी से आबादी बढ़ने के कारण साल 2030 तक ये 850 करोड़ हो जाएगी। साल 2100 तक दुनिया में 1040 करोड़ लोग होंगे। इसके साथ ही इंसानों की औसत उम्र में भी इजाफा हुआ है। 1990 के मुकाबले अब इंसान 9 साल ज्यादा जीते हैं। अभी ये औसत उम्र 72 साल 8 महीने है। जबकि, 2050 में औसत उम्र बढ़कर 77 साल और 2 महीने हो जाएगी। महिलाओं की औसत उम्र भी पुरुषों से ज्यादा है। महिलाएं औसतन 73 साल 4 महीने तक जीवित रहती हैं।

child birth

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कहती है कि इलाज, साफ-सफाई, पोषण वगैरा में सुधार हुआ है। इस वजह से औसत उम्र में बढ़ोतरी हुई है। दुनिया की जनसंख्या को 7 से 8 अरब होने में 12 साल लगे हैं। ये दर 1950 के दशक के बाद सबसे कम है। इंसानों की संख्या बढ़ने की दर 2020 में 1 फीसदी से भी कम हुई है। यानी बच्चे कम ही पैदा हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आबादी के मामले में साल 2033 तक चीन को भारत पीछे छोड़ देगा। चीन से ज्यादा भारत की जनसंख्या होगी। वहीं, 2050 तक दुनिया की आधी आबादी भारत, पाकिस्तान, कांगो, मिस्र, इथियोपिया, नाइजीरिया और फिलीपींस में रहेगी।

india china flag

इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मैट्रिक्स इवेलुएशन IHME की रिपोर्ट कहती है कि साल 2100 में भारत की आबादी 43 करोड़ घट जाएगी। तब टीएफआर यानी टोटल फर्टिलिटी रेट भी गिरकर 1.29 फीसदी हो जाएगी। हालांकि, मौजूदा आबादी की संख्या काफी गंभीर स्थिति की ओर इशारा करती है। इसकी वजह ये है कि धरती पर जगह, पानी और अन्य संसाधन लगातार कम होते जा रहे हैं। पश्चिम में कहावत भी है कि अगला विश्वयुद्ध पानी की कमी के कारण होगा। भारत समेत कई देशों में रहने की जगह की कमी और भूजल स्तर में गिरावट भी चिंताजनक स्थिति तक पहुंच गया है। ऐसे में लगातार आबादी का बढ़ते जाना यानी जनसंख्या विस्फोट का खतरा है। जिससे निपटने के लिए अभी से चौकस योजना बनाने की सख्त जरूरत भी महसूस की जा रही है। इसी वजह से आए दिन जनसंख्या नियंत्रण नीति बनाने की वकालत तमाम नेता कर भी रहे हैं।