नई दिल्ली। हर पिता चाहता है कि उसकी बेटी का घर अच्छे से बस जाए और उसे ऐसा लड़का मिले तो उसका ख्याल रखें। माता-पिता बेटी के लिए लड़का ढूंढने के लिए कई चीजों का ध्यान रखते हैं, जैसे अच्छा घर-बार हो, अच्छा कमाता हो, स्वभाव अच्छा हो लेकिन शास्त्रों के मुताबिक कुछ खास गुण दामाद में होना जरूरी है, जो उन्हें बेहतर बनाते हैं। अगर आप भी दामाद की खोज में हैं या किसी के दामाद बन चुके हैं तो भी ये गुण आपको बेहतर बनने में मदद करेंगे।
सास-ससुर को माता-पिता की तरह मानने वाला
अच्छा दामाद वही होता है जो अपने माता-पिता की तरह की सास-ससुर को मान-सम्मान दे और उन पर प्यार लुटाए। वो अपने सास-ससुर को अपने ही माता-पिता की तरह समझे
झगड़ों में न पड़ने वाला
अच्छा दामाद वो है जो ससुराल के घरेलू मामलों में न पड़े, खासकर झगड़ों में। लेकिन अगर सामने से राय मांगी जाए तो सलाह दें लेकिन बिना मांगे कोई सलाह या ज्ञान न दे।
कंजूस न होना
अच्छा दामाद वही हैं जो ससुराल पर खुलकर खर्च करता हो। भले ही इंसान पर्सनल लाइफ में बचत करता हो या कंजूस हो लेकिन ससुराल पक्ष के लिए खर्च करने में पीछे न हटे..। मतलब लेना-देना ठीक से करना आना चाहिए
ससुराल से मिलने वाली चीजों की बुराई न करना
अच्छा दामाद वही है तो ससुराल से मिलने वाली चीज में कमी न निकाल उसे प्रसाद की तरह ले लेता हो। भेंट चाहे छोटी हो या बड़ी..वो सिर झुका कर भेंट को ले ले। कम-ज्यादा या तोल-मोल न करें।
अच्छे दामाद के सबसे अच्छा गुण ये है कि वो ससुराल बार-बार न जाता हो और दूसरा 1 या दो दिन से ज्यादा ससुराल में अपनी सेवा न कराए..। अगर रुकना पड़ भी जाए तो 2 दिन से ज्यादा न हो।