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Gupt Navratri 2023: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि आज से शुरू, होती है इन 10 महाविद्याओं की साधना

नई दिल्ली। हिन्दू पंचांग के अनुसार, 19 जून 2023 से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2023) कि शुरुआत हो रही है। जैसे की नाम से ही साफ है कि ये नवरात्रि गुप्त यानी उतनी लोकप्रिय नहीं होती। गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की तो पूजा होती ही है साथ ही कुछ खास उपाय भी किए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दूसरे दिनों के मुकाबले नवरात्रि के नौ दिन में कि गई पूजा शुभ फलदायी होती है।

इस बार की गुप्त नवरात्रि काफी खास है क्योंकि शुभ संयोग में इसकी शुरुआत हो रही है। गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ पर वृद्धि योग बन रहा है जिसकी वजह से इस दिन की महत्ता और भी बढ़ गई है। ऐसे में अगर आप इस शुभ योग में जो भी धार्मिक काम करते हैं तो वो आपके लिए काफी सकारात्मक बदलाव लाते हैं। अब चलिए आपको बताते हैं किस तरह करें गुप्त नवरात्रि की पूजा और किन 10 महाविद्याओं की होती है गुप्त नवरात्रि में साधना…

ऐसे करें गुप्त नवरात्रि की पूजा

गुप्त नवरात्रि की शुरुआत आज 19 जून 2023 से हो गई है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है साथ ही माता की पूजा की जाती है। सुबह और शाम की पूजा के साथ इस दौरान शुभ फलों की प्राप्ति के लिए दुर्गा चालीसा अथवा दुर्गा सप्तशती का पाठ करना भी शुभ रहता है। खास कृपा पाने के लिए लौंग और बताशे का भोग लगाने के साथ ही मां को लाल पुष्प और चुनरी भी चढ़ाना चाहिए।

इन 10 महाविद्याओं की होती है साधना

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के इन 9 दिनों में 10 महाविद्याओं की पूजा का खास महत्व होता है। जिन 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है वो मां दुर्गा के ही 10 रूप हैं। खासकर तंत्र-विद्या पाने की चाहत रखने वाले लोग इन दिनों में माता की उपासना करते हैं। इन 10 विद्याओं की बात करें तो ये महाविद्या दो कुल में बंटी हैं। पहला कुल है काली कुल, दूसरा कुल है श्रीकुल काली कुल में मां काली, मां तारा और मां भुवनेश्वरी आती हैं। वहीं, श्रीकुल में मां बगलामुखी, मां छिन्नमस्ता, मां कमला और मां भैरवी, मां धूमावती, मां त्रिपुर सुंदरी और मां मांतगी शामिल हैं।

डिस्क्लेमर: ऊपर दिए गए लेख की जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। NewsroomPost इस तरह की किसी जानकारी का दावा नहीं करता है।

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