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Ashadha Amavasya 2022: आषाढ़ अमावस्याे को ऐसे करेंगे पूजा, तो दूर होंगे कुंडली के ये दोष और खुश होकर पितृ देंगे आशीर्वाद

नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में आने वाली हर अमावस्या का अपना महत्व और मान्यताएं होती हैं। इनमें से आसाढ़ मास की अमावस्‍या को काफी खास माना जाता है। इसे ‘आषाढ़ी अमावस्‍या’ के नाम से जाना जाता है। पितरों को नमन करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के उद्देश्‍य से ये अमावस्‍या बहुत अच्छी मानी जाती है। इसे ‘हलहारिणी अमावस्‍या’ भी कहा जाता है। इस वर्ष ये अमावस्या 28 जून यानी मंगलवार को पड़ रही है। ये अमावस्‍या 28 जून को प्रात: 5 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर 29 जून की सुबह 8 बजकर 21 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। कुंडली के पितृ दोष या फिर कालसर्प दोष को दूर करने के लिए आषाढ़ी अमावस्‍या का दिन काफी शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पितृ तर्पण करने और श्राद्ध कर्म करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है, साथ ही कुंडली के पितृ दोष दूर होते हैं। लेकिन इसे करने का तरीका क्या है? ज्योतिष शास्त्र में इसके लिए कुछ खास उपाय बताए गए हैं। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वो खास उपाय…

1.आषाढ़ी अमावस्‍या के दिन सुबह जल्‍दी उठकर गंगा स्‍नान करना चाहिए। या फिर घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्‍नान कर लें।

2.इसके बाद कुछ दान पुण्‍य करके तर्पण करना चाहिए। ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्‍न होकर सुखी और संपन्‍न रहने का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

3.इस दिन पीपल के पेड़ के चारों को कलावा लपेटकर पूजा की जाती है और कलश में पानी, दूध और मिश्री लेकर पेड़ को अर्पित किया जाता है। ऐसा करने से कुंडली में स्थित सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है।

4.शाम की पूजा के बाद दक्षिण दिशा की ओर तेल का चौमुखी दीपक जलाना जलाया जाता है।

5.इस दिन गाय, कुत्‍ते और कौए को भोजन करवाया जाता है। कही जाता है कि ये भोजन सीधे आपके पितरों को प्राप्‍त होता है।

6.अमावस्‍या के दिन पीपल का पेड़ लगाकर उसे दूध से सींचने से कुंडली के पितृ दोष दूर होते हैं। इसके बाद यहां पर नियमित रूप से सरसों के तेल का दीपक जलाने से जीवन की सभी समस्‍याएं भी दूर होती हैं।

7.इस दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाना और उन्‍हें पूर्वजों को प्रिय वस्‍तुएं दान करना काफी अच्छा माना जाता है।

8.आषाढ़ी अमावस्‍या को गीता या फिर रामचरितमानस का पाठ करने से पितर प्रसन्‍न होते हैं साथ ही कुंडली के सभी दोषों से भी मुक्ति मिलती है।

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