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Basant Panchami 2020: जानें कैसे हुई बसंत पंचमी की शुरुआत, ऐसे करें मां सरस्वती को प्रसन्न

नई दिल्ली। आज देशभर में बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। ये त्योहार माघ महीने की शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। इसी दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है। इतना ही नहीं आज का ये दिन मां सरस्वती को समर्पित है। इस दिन मां सरस्वती को ज्ञान और वाणी की शक्ति के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि और ज्ञान बढ़ता है।

बसंत पंचमी के दिन स्नान का भी खास महत्व माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बसंत पंचमी की शुरुआत कब से हुई। दरअसल बसंत पंचमी को श्री पंचमी, सरस्वती पंचमी, ऋषि पंचमी नामों से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था।

ऋग्वेद के अनुसार ब्रह्मा जी अपनी सृष्टी के सृजन से संतुष्ट नहीं थे। चारों तरफ मौन छाया हुआ था। तब उन्होंने अपने कमण्डल से जल का छिड़काव किया, जिससे हाथ में वीणा लिए एक चतुर्भुजी स्त्री प्रकट हुईं। ब्रह्माजी के आदेश पर देवी ने वीणा पर मधुर सुर छेड़ा जिससे संसार को ध्वनि और वाणी मिली। इसके बाद ब्रह्मा जी ने इस देवी का नाम सरस्वती रखा, जिन्हें शारदा और वीणावादनी के नाम से भी जानते हैं। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन करते हैं।

ऐसे करें मां सरस्वती को प्रसन्न

– इस दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें।  पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें।

– मां सरस्वती को पीला वस्त्र बिछाकर उस पर स्थापित करें और रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा आदि प्रसाद के रूप में उनके पास रखें।

– मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले तथा सफ़ेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें।

– केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा।

– मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप हल्दी की माला से करना सर्वोत्तम होगा।

– काले, नीले कपड़ों का प्रयोग पूजन में भूलकर भी ना करें।शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजा करके उसको ठीक किया जा सकता है।

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ऐसे में बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र धारण करें

पीले पुष्प और पीले फलों से मां की उपासना करें

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ऐसी दशा में आज के दिन मां की उपासना करें

सफेद फूलों से मां की उपासना करना लाभदायक होता है

 

 

 

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