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Bhadrapada 2021: भाद्रपद मास आज से शुरू, जानें इसके नियम और सावधानियां

नई दिल्ली। सावन का महीना 22 अगस्त को खत्म हो गया है। इसके बाद 23 अगस्त को भाद्रपद मास शुरू हो गया है। भाद्रपद का अर्थ है- भद्र परिणाम देने वाले व्रतों का महीना। भद्र का अर्थ शांत और सौम्य है। ये माह लोगों को व्रत और नियम का पालन करवाता है। कहा जाता है कि ये माह अपनी गलतियों का प्रायश्चित करने के लिए उत्तम है। इस माह में कई बड़े व्रत और त्योहार आते हैं। इस साल भाद्रपद मास 23 अगस्त से 20 सितंबर तक रहेगा। भाद्रपद के महीने में कई नियम और सावधानियां बरती जाती हैं। जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

भाद्रपद मास के नियम और सावधानियां

इस माह में कच्ची चीजें खाने से परहेज करना चाहिए। साथ ही दही का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलावा भगवान कृष्ण को तुलसी को चाय या दूध में उबालकर पीना चाहिए।

ये माह भगवान कृष्ण को समर्पित

भाद्रपद का महीना भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस माह में कृष्ण जी की पूजा की जाती है। ऐसे में अगर उनकी पूजा की जाए तो भक्तों की तमाम मनोकामनाएं पूरी होंगी। वैसे तो इस माह में दही का प्रयोग वर्जित है लेकिन अगर आप पूरे माह भगवान कृष्ण को पंचामृत से स्नान कराएंगे तो भगवान कृष्ण प्रसन्न हो जाएंगे। इसके अलावा जिन लोगों को संतान सुख नहीं है, उन लोगों को इस माह में श्री कृष्ण के बाल रुप की पूजा की जाए तो संतान सुख की प्राप्ती हो सकती है।

भाद्रपद मास के व्रत और त्यौहार

भाद्रपद माह में कई व्रत और त्योहार  आने वाले हैं। जिसमें गणेश चतुर्थी, कजरी तीज, कृष्ण जन्माष्टमी और दही हाण्डी जैसे बड़े और अहम त्योहार हैं।

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