नई दिल्ली। सनातन धर्म में संक्रांति तिथि का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु धर्म स्नान के लिए नदियों में जाते है। और पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पूजा- पाठ करते है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 16 दिसंबर को पड़ रही है। इस दिन को पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाएगा। देश के कई क्षेत्रों में संक्रांति का उत्सव मनाया जाता है। आपको बता दें कि सूर्य देव की किसी एक राशि से दूसरी राशि में जाने को धनु संक्रांति के रुप में मनाया जाता है। इस व्रत का महत्व दक्षिण भारत की तरफ ज्यादा है। ऐसे में संक्रांति के दिन भगवान जगन्नाथ की विशेष कर पूजा की जाती है। आइए इस त्योहार की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं-
शुभ मुहूर्त-
- कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि प्रारम्भ: 16 दिसम्बर 2022, शुक्रवार प्रात: 01:39
- अष्टमी तिथि समापन: 17 दिसंबर 2022, सुबह 03:02 तक
- धनु संक्रांति 2022 तिथि: 16 दिसंबर 2022, शुक्रवार
पूजा का महत्व-
- इस दिन पवित्र जल से नहाने का महत्व है। अगर ऐसा ना हो पाए तो पानी में गंगाजल डाल कर उससे स्नान करें। इसके बाद वहां पूजा करें।
- इस दिन पूजा करने के लिए धूप, गंध, पुष्प और दीप चढ़ाया जाता है।
- इस दिन भगवान विष्णु को पूजने का महत्व है।
- श्री हरि की पूजा के दौरान तुलसी के पत्ते का प्रयोग अवश्य करें।
- भगवान विष्णु की पूजा के बाद मां लक्ष्मी, शिव जी और ब्रह्मा जी की पूजा करें।