नई दिल्ली। सनातन धर्म के अनुसार, हर महीने एकादशी की तिथि पड़ती है यानी कि पूरे साल में 24 एकादशी आती हैं। अधिकमास आने पर इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। लेकिन इन एकादशी में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन से भगवान विष्णु चार महीनों के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और संपूर्ण सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों में आ जाता है। आज देवशयनी एकादशी है, और आज के दिन सभी को कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए।
1. देवशयनी एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए। चावल में जल तत्व अधिक मात्रा में पाया जाता है और जल पर चन्द्रमा का प्रभाव अधिक पड़ता है। ऐसी मान्यता है कि किसी भी एकादशी के दिन चावल खाने से अगले जन्म में रेंगने वाले जीव का जन्म प्राप्त होता है।
2.देवशयनी एकादशी की तिथि को काले रंग के कपड़े पहनने से परहेज करना चाहिए। इस दिन पीले रंग के वस्त्रों को धारण करना जितना शुभ होता है काले रंग के कपड़े उतने ही अशुभ माने जाते हैं।
3.इस दिन लहसुन, प्याज और मांस मदिरा का सेवन भी वर्जित है। इसके अलावा, तामसिक भोजन से भी परहेज करना चाहिए इसकी जगह सात्विक भोजन का सेवन करना शुभ होता है।
4.देवशयनी एकादशी के दिन नाखून, बाल, दाढ़ी कटवाना अशुभ माना जाता है।
5.एकादशी के दिन आरामदायक पलंग या गद्दे की जगह जमीन पर बिस्तर डालकर सोना काफी अच्छा माना जाता है।
6.देवशयनी एकादशी के दिन किसी को भी अपशब्द कहने से बचना चाहिए।
7.इस दिन अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें।
8.देवशयनी एकादशी के दिन किसी भी व्यक्ति को अपमानित ना करें।