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Basant Panchmi 2021: बसंत पंचमी पर भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां

नई दिल्ली। आज पूरा देश बसंत पंचमी (Basant Panchmi 2021) का त्यौहार मना रहा है। इस दिन माता सरस्वती (Goddess Saraswati) की पूजा की जाती है। ये दिन मां सरस्वती को समर्पित है। माता सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और शिल्प-कला की देवी माना जाता है। इस दिन को श्री पञ्चमी और सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। साथ ही आज से बसंत ऋतु (Spring Season) का भी आगमन हो गया है।

इस दिन माता सरस्वती की पूजा करने से जहां मां प्रसन्न होती हैं साथ ही विशेष फल भी देती हैं। लेकिन कुछ ऐसे काम भी हैं जो आज के दिन नहीं करने चाहिए। जो हम आपको आज बताने वाले हैं।

न करें ये 5 गलतियां

— बसंत पंचमी के दिन काले कपड़े न पहनें। इस दिन माता सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए पीले वस्त्र पहने जाते हैं।

— आज के दिन पेड़-पौधे या फसल काटने जैसा काम नहीं करना चाहिए। आज के दिन से बसंत ऋतु का आगमन होता है इसलिए इस दिन पेड़ पौधे नहीं काटने चाहिए।

— आज के दिन बिना स्नान किए भोजन नहीं करना चाहिए।

— आज के दिन भूलकर भी मांस, मदिरा आदि का सेवन न करें। साथ ही ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिए। इसके लिए शिक्षा से जुड़ी चीजों का अनादर न करें।

— बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के दिन भूलकर भी क्रोध न करें और गुस्से में किसी को भी अनाप-शनाप या अपशब्द न कहें।

बसंत पंचमी महत्व

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इसी दिन बह्माजी ने मां सरस्वती की उत्पत्ति की थी, इसलिए इसे बसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है। इसी दिन मां सरस्वती की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। मां सरस्वती को ज्ञान की देवी माना जाता और बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा से ज्ञान की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। साथ ही बसंत पंचमी के दिन से भी बसंत ऋतु का आगमन माना जाता है। कहा जाता है कि अगर आज के दिन पूरे विधि-विधान से जो भी मां सरस्वती की पूजा करता है तो मां प्रसन्न होती हैं।

इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, अगर किसी की कुंडली में विद्या बुद्धि का योग नहीं है या फिर पढ़ाई और शिक्षा में बाधा आ रही हो तो इस दिन मां शारदा की पूजा करनी चाहिए। सरस्वती पूजन के बाद सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा और बाद में रति और कामदेव की पूजा करने से भी विशेष फल मिलता है।

पूजा का शुभ मुहूर्त

पंचमी तिथि प्रारंभ – फरवरी 16, 2021 को सुबह 3 बजकर 36 मिनट

पंचमी तिथि समाप्त – फरवरी 17, 2021 को सुबह 5 बजकर 46 मिनट

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