नई दिल्ली। इस साल होलिका दहन 17 मार्च गुरुवार को है। इस साल भद्रा लगने के कारण होलिका दहन के शुभ मुहूर्त को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्यो कि होलिका दहन का मुहूर्त हर कोई अलग-अलग बता रहा है। ऐसे में आम लोग यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर होलिका दहन किस मुहूर्त में करना चाहिए। जानें काशी के ज्योतिषाचार्यों के अनुसार-
होलिका दहन कब किया जाना चाहिए
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, होलिका दहन हमेशा फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में भद्रा रहित मुहूर्त में किया जाना चाहिए। अगर प्रदोष काल में भद्रा है, तो भद्रा खत्म होने के बाद ही होलिका दहन करना चाहिए। भद्रा को अशुभ माना जाता है। इस दौरान शुभ कार्यों को आप नहीं कर सकते।
2022 के होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 29 मिनट से शुरु होगी, जिसका समापन 18 मार्च को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर होगा। भद्रा प्रारंभ 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 02 मिनट से और समापन 17 मार्च को देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर होगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 17 मार्च को रात 12 बजकर 57 मिनट के बाद से होगा।
भद्रा पूंछ और मुख दोनों ही अशुभ-
कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि भद्रा की पूंछ में होलिका दहन किया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। भद्रा का समय अशुभ माना जाता है।