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Benifits Of Wearing Emerald: कम उम्र में लग गया है चश्मा तो धारण करें पन्ना, आंखों की रौशनी बढ़ने के साथ होंगे ये प्रमुख फायदे

नई दिल्ली। रत्न शास्त्र में हर रत्न का बहुत ही महत्व होता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अलग-अलग तरह के रत्नों का व्यक्ति के जीवन में अलग-अलग प्रभाव पड़ता है और व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति भी ठीक हो जाती है। रत्न शास्त्र में ऐसे तो कुल 84 रत्न हैं लेकिन मोती, मूंगा, गोमेद, पुखराज, पन्ना, हीरा, नीलम, वैदूर्य समेत इन 9 रत्नों को धारण करना बेहद मंगलकारी माना जाता है। इन 9 रत्नों को अपनी राशि के हिसाब से धारण करने से जातक के जीवन के सभी कष्ट जल्दी ही दूर हो जाते हैं। ऐसे में आज हम बात करेंगे पन्ना रत्न की। पन्ना हर कोई नहीं धारण कर सकता है। अगर इसके धारण करने के कई लाभ हैं तो कई नुक्सान भी। तो चलिए आज जानते हैं पन्ना रत्न के फायदे और नुकसान, साथ ही ये किसे पहनना चाहिए और किसे नहीं…

नौकरी और बिजनेस में तरक्की:

बता दें कि पन्ना मुख्यतः 5 रंगों में पाया जाता है। पन्ना धारण करने से स्मरण शक्ति और बुद्धि दोनों ही तेज होने लगती है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक ग्रह और राशि के अनुसार पहने गए रत्न हमें कई लाभ देते हैं। रत्न शास्त्र में पुखराज, मूंगा, माणिक, पन्ना, नीलम, मोती, गोमेद, हीरा और लहसुनिया मुख्य रत्न माने गए हैं। इन रत्नों को नवरत्न भी कहा जाता है, बाकी सभी उपरत्न कहलाते हैं। नौकरी और व्यापार में उन्नति के लिए लोग पन्ना धारण करते हैं। पन्ना पहनने से व्यक्ति की वाणी प्रभावशाली हो जाती है और इच्छाओं की पूर्ति होती है।

क्यों पहनना चाहिए पन्ना ?

पन्ना रत्न धारण करने की विधि

पन्ना रत्न बुध को मजबूत करता है इसीलिए इसे धारण भी बुधवार के दिन ही किया जाता है। इसे धारण करने से पहले इसे पंचामृत में भिगोकर रख दें। ऐसा करने से इस रत्न की प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है। अगले दिन बुधवार को नित्यकर्मों से निवृत्त होकर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने के बाद इसे धारण करें।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकरियों की न्युजरूमपोस्ट पूरी तरह से पुष्टि नहीं करता है। अर्थात इसे अपनाने से पहले इस क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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