नई दिल्ली। भगवान भोलेनाथ देवों के देव महादेव हैं। कोई भी इच्छा हो, कोई भी वरदान चाहिए हो भगवान भोलेनाथ सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। शिवजी को प्रसन्न करना काफी आसान है। सच्चे मन से अगर आप एक लोटा जल चढ़ा दें तो इससे भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं। वैसे तो हिंदू पंचांग में सभी देवी-देवताओं की पूजा अर्चना के लिए हर तिथि को खास बताया गया है। बात हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की करें तो इस दिन कालाष्टमी व्रत किया जाता है। कालाष्टमी व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ के काल भैरव की पूजा के लिए समर्पित है। कालाष्टमी के दिन सुबह से ही शिवालयों में लोग पूजा के लिए पहुंचते हैं। कहा जाता है कि अगर कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा की जाए तो इससे समस्त परेशानियां खत्म हो जाती है। अगर आप भी कालाष्टमी पर शिवजी की पूजा करने जा रहे हैं तो चलिए आपको बताते हैं किस तरह करनी है आपको पूजा और क्या है तिथि…
आषाढ़ कालाष्टमी व्रत तिथि (Ashadha Kalashtami 2023)
कालाष्टमी व्रत कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन किया जाता है। आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी 10 जून को दोपहर 2 बजकर 1 मिनट से शुरू हो रही है और इसका समापन अगले दिन 11 जून को दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर होगा। जो लोग कालाष्टमी पर व्रत रखना चाह रहे हैं वो 10 जून को ही व्रत रखेंगे…
आषाढ़ कालाष्टमी पूजा विधी (Ashadha Kalashtami 2023)
कालाष्टमी पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें.
स्नान आदि करके भैरव बाबा के मंदिर में जाए.
अगर आप मंदिर नहीं जा पा रहे तो घर पर ही शिव परिवार की तस्वीर स्थापित करें.
अब विधि विधान से शिव परिवार की पूजा करें.
दीपक जलाकर दूध, दही, फल-फूल आदि चढ़ाएं.
शुभ फलों की प्राप्ति के लिए पूजा में काल भैरव के मंत्रों का उच्चारण भी करें.