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Kharmas 2022 : जानें कब से लग रहे हैं खरमास, अशुभ कार्य करने से बचें

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नई दिल्ली। खरमास को मलमास और अधिकमास भी कहा जाता है। पंचांग के अनुसार 15 मार्च से खरमास की शुरूआत होने जा रही है। हिंदू धर्म में खरमास को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। हिन्दू धर्म ग्रंथों के हिसाब से किसी भी शुभ कार्य को करने की शुरूवात बिना सही मुहूर्त देखे नहीं किया जा सकता है। खरमास कब लगने जा रहा है चलिए जानते हैं।

खरमास क्या होता है ?

जब से सूर्य बृहस्पति राशि मीन में प्रवेश करता है तभी से खरमास या मलमास या अधिकमास लगना शुरू हो जाता है। हिन्दू धर्म में इस महीने को शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए इस महीने में नए और शुभ काम नहीं किए जाते हैं। खरमास महीने के अपने कुछ अलग नियम होते हैं।  इस महीने में हिन्दू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, विवाह और कोई भी धार्मिक संस्कार कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है। मलिन मास होने के कारण इस महीने को मलमास भी कहा जाता है।

खरमास का महत्व क्या है ?

हिन्दू धर्म ग्रंथों के हिसाब से किसी भी शुभ कार्य को करने की शुरूवात बिना सही मुहूर्त देखे नहीं किया जा सकता है। काम की शुरुआत से पहले शुभ समय या मुहूर्त या ग्रहण-नक्षण को जरूर देखते हैं। इसके अलावा सूर्य की चाल पर भी जरूर ध्यान दिया जाता है। मगर खरमास महीने में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।

खरमास कब से कब तक रहेगा?

इस बार का खरमास 15 मार्च 2022 से शुरू हो जाएंगे और 14 अप्रैल 2022 को खत्म हो जाएगा। पूरे एक महिने का खरमास लगता है। इस दौरान किसी भी तरह का शुभ काम नहीं किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस महीने में सूर्य की चाल धीमी हो जाती है।

खरमास में क्या करें और क्या न करें

खरमास में भगवान विष्णु की पूजा अत्यंत लाभकारी होती है। मां लक्ष्मी का आगमन होता है।

खरमास के महिने में तुलसी पूजा करनी चाहिए। शाम को तुलसी पौधे पर घी दीपक जलाना चाहिए ऐसा करने से आपकी समस्याएं कम होंगी ऐसा माना जाता है।

खरमास के महिने में वैवाहिक कार्य, गृह प्रवेश, भूमि पूजन, मुंडन, तिलकोत्सव करने से अशुभ फल मिलता है।

खरमास में आपको चारपाई त्यागकर जमीन पर सोना चाहिए। इससे सूर्यदेव की कृपा बनी रहती है।

खरमास में थाली के बजाय पत्तल में भोजन करना शुभकारी माना जाता है।

इस महिने में लोगों को किसी से लड़ाई-झगड़ा करने से बचना चाहिए और झूठ भी नहीं बोलना चाहिए।

मान्यता है कि खरमास के दौरान मांस-मदिरा आदि का सेवन अशुभ माना जाता है।

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