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Ajab Gazab News: करवाचौथ पर जानिए एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां एक साथ दर्शन तक नहीं कर सकते पति-पत्नी

नई दिल्ली। पति-पत्नी के प्रेम को दर्शाने वाला त्योहार करवाचौथ का व्रत कल मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर पति की लंबी आयु के लिए दुआ मांगती हैं। सनातन धर्म में मान्यता है कि जब तक पति पत्नी एक साथ पूजा न करें तब पूजा अधूरी रहती है। फिर चाहें किसी मंदिर के दर्शन करना हो या फिर घर में आयोजित कोई पूजा-पाठ। लेकिन क्या आप जानते हैं देश के किसी कोने में एक ऐसा मंदिर है, जहां पर पति-पत्नी का एक साथ पूजा करना वर्जित है। अगर कोई दंपति गलती से एक साथ मंदिर के दर्शन करने के लिए पहुंच भी जाए तो उन्हें रोक दिया जाता है, तो क्या है इस मंदिर का महत्व और इसकी ये विचित्र परंपरा आइए जानते हैं।

मां दुर्गा का ये अनोखा मंदिर देवभूमि हिमाचल प्रदेश के शिमला के रामपुर में स्थित है। समुद्र तल से 11000 फुट की ऊंचाई पर बने इस मंदिर में स्थापित मां दुर्गा, श्राई कोटि माता के नाम से प्रसिद्ध हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर इस मंदिर में पति-पत्नी एक साथ मां दुर्गा के दर्शन करते हैं तो उन्हें इसका दंड भुगदना पड़ता है। उन दोनों का वैवाहिक जीवन अधिक समय तक नहीं चल पाता है और वो अलग हो जाते हैं। हालांकि, वो अलग-अलग जाकर भी माता के दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर के विषय में प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान महादेव के दोनों पुत्र श्री गणेश और श्री कार्तिकेय में ब्रह्मांड के चक्कर लगाने की प्रतियोगिता छिड़ गई। ऐसे में श्री गणेश ने माता पिता की परिक्रमा कर प्रतियोगिता जीत ली।

उनका कहना था कि माता-पिता के चरणों में ही ब्रह्मांड है। लेकिन वहीं, दूसरी ओर श्री कार्तिकेय ने पूरे ब्रह्मांड का चक्कर लगाया। जब वो अपनी परिक्रमा पूरी करके वापस लौटे, तो देखा गणेश जी का विवाह हो चुका है। इस पर भगवान कार्तिकेय ने नाराज होते हुए आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प ले लिया। इसके माता पार्वती रूष्ट हो गईं। और कार्तिकेय के निवास स्थान पर पहुंच कर बोलीं, जो भी दंपति उनके दर्शन करने आएगा, वो अलग हो जाएगा। यही कारण है कि दंपत्ति का एक साथ यहां दर्शन करना मना है। बता दें, वर्तमान में इस मंदिर के देखभाल की जिम्मेदारी माता भीमा काली ट्रस्ट ने संभाल रखी है।

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