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Nirjala Ekadashi 2021: जानें कब है निर्जला एकादशी, जानें पूजा विधि और शुभ मुुहूर्त

नई दिल्ली। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) कहा जाता है। इस साल निर्जला एकादशी 21 जून को पड़ रही है। साल की सभी चौबीस एकादशियों में निर्जला एकादशी सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्षु प्रसन्न होते हैं। वो अपने भक्तों पर कृपा बनाए रखते हैं।

निर्जला एकादशी शुभ मुुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ: 20 जून को शाम 4 बजकर 21 मिनट से शुरू

एकादशी तिथि समाप्‍त: 21 जून दोपहर 1 बजकर 31 मिनट तक

पारण का समय- 22 जून सुबह 5 बजकर 13 मिनट से 8 बजकर 1 मिनट तक

निर्जला एकादशी पूजा की विधि

– प्रातःकाल स्नान करके सूर्य देवता को जल अर्पित करें। इसके बाद पीले वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु की पूजा करें।

-उन्हें पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें। इसके बाद श्री हरि और मां लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप करें।

– किसी निर्धन व्यक्ति को जल का, अन्न-वस्त्र का या जूते छाते का दान करें।

– आज के दिन वैसे तो निर्जल उपवास ही रखा जाता है लेकिन आवश्यकता पड़ने पर जलीय आहार और फलाहार लिया जा सकता है।

निर्जला एकादशी मान्यता

मान्यता है कि निर्जला एकादशी के दिन बिना जल के उपवास रहने से साल की सारी एकादशियों का पुण्य फल प्राप्त होता है। इस एकादशी व्रत में पानी पीना वर्जित माना जाता है इसलिए इस एकादशी को निर्जला कहते हैं। निर्जला एकादशी का व्रत रखने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।

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