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जानें कैसे हुआ भगवान विश्वकर्मा का जन्म, घर में यूं करें पूजा

नई दिल्ली। विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) यानी विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Jayanti) हर साल कन्या संक्रांति (Kanya Sankranti) के दिन 17 सितंबर को मनाई जाती है। लेकिन, इस साल भगवान विश्वकर्मा (Lord Vishwakarma) जयंती बुधवार, यानी 16 सितंबर को मनाई जाएगी।

कैसे हुआ भगवान विश्वकर्मा का जन्म

यह मान्यता है कि प्राचीन काल में सभी का निर्माण विश्वकर्मा ने ही किया था। ‘स्वर्ग लोक’, सोने का शहर-‘लंका’ और कृष्ण की नगरी-‘द्वारका’, सभी का निर्माण विश्वकर्मा के ही हाथों हुआ था। कुछ कथाओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा का जन्म देवताओं और राक्षसों के बीच हुए समुद्र मंथन से माना जाता है।

पूरे ब्रह्मांड के निर्माणकर्ता हैं विश्वकर्मा

हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ने पूरे ब्रह्मांड का निर्माण किया है। पौराणिक युग में इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों को भी विश्वकर्मा ने ही बनाया था जिसमें ‘वज्र’ भी शामिल है, जो भगवान इंद्र का हथियार था। वास्तुकार कई युगों से भगवान विश्वकर्मा को अपना गुरु मानते हुए उनकी पूजा करते आ रहे हैं।

भूलकर भी नही करें, विश्वकर्मा जयंती के दिन ऐसे कार्य

मांस-मदिरा का न करें सेवन- इस दिन मशीनों को पूरी तरह आराम देने के साथ ही, इस दिन तामसिक भोजन यानी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही, अपने व्यापार और रोजगार को बढ़ाने के लिए इस दिन गरीब और असहाय लोगों को दान-दक्षिणा करना चाहिए।

रोजमर्रा इस्तेमाल वाली चीजों का करें सम्मान- भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पकार माना जाता है। ऐसे में इस दिन किसी भी प्रकार के औजारों का इस्तेमाल न करें। भले ही ये उपकरण घर के ही क्यों न हों लेकिन उनके इस्तेमाल से भी बचना चाहिए। साथ ही, मशीनों को इधर-उधर बिखराने से भी बचना चाहिए। इसके अलावा, अपने औजारों को किसी को भी उधार में न दें। इस दिन लोगों को अपने कारखाने और फैक्ट्रियां बंद रखनी चाहिए। ऐसा करने के साथ ही वहां मौजूद मशीनें, उपकरणों और औजारों की पूजा करने से घर में बरकत आती है। ऐसे में आज के दिन लोगों को औजारों और किसी भी प्रकार की मशीनों का इस्तेमाल करना वर्जित है।

घर में यूं करें पूजा- इस दिन दफ्तर के साथ ही घर में भी सभी मशीनों की पूजा करनी चाहिए। चाहे बिजली के उपकरण हो या फिर बाहर खड़ी गाड़ी, विश्वकर्मा पूजा के दिन सभी की सफाई करें। अगर जरूरी हो तो ऑयलिंग और ग्रीसिंग करें। इस दिन इनकी देखभाल किसी मशीन की तरह न करके, इस प्रकार करें जिससे प्रतीत हो कि आप भगवान विश्वकर्मा की ही पूजा कर रहे हों।

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