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Vaisakh Purnima 2022: चंद्रग्रहण और बुद्ध पूर्णिमा पड़ रहे एक साथ, ऐसे में कैसे करें पूजा?, जानिए चमत्कारी उपाय

नई दिल्ली। आज यानी 16 मई को वैशाख पूर्णिमा का पर्व है। ये तिथि वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पड़ती है। इसे ‘बुद्ध पूर्णिमा’ के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है, कि इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसके अलावा इसे ‘पीपल पूर्णिमा’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन देव वृक्ष यानी पीपल के पेड़ की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। पीपल के पेड़ को त्रिदेव का वास माना जाता है इसलिए वैशाख पूर्णिमा के दिन अगर पीपल से जुड़े उपाय किए जाते हैं, तो भगवान विष्णु की खास कृपा प्राप्त होती है। इतना ही नहीं बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण भी लग रहा है और ऐसे में कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें करने से दोगुने फल की प्राप्त हो सकती है, तो कौन से हैं ऐसे चमत्कारी उपाय आइये जानते हैं… वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल पर जल चढ़ाकर शुद्ध देशी घी का दीपक जलाकर पीपल के वृक्ष की 7 परिक्रमा करनी चाहिए। इस दौरान भगवान विष्णु के मंत्रों का भी जप करें इससे भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

बुध पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करने के बाद पीपल वृक्ष के नीचे कुश का आसन बिछाएं और उस पर बैठ कर 7 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। खासकर, इस दौरान घी के दीपक का जलते रहना अत्यंत आवश्यक है। इस उपाय को करने से मनुष्य की सभी समस्याओं का निवारण होता है साथ ही शनि-दोष  से भी छुटकारा मिलता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा करनी चाहिए। साथ ही  नवग्रहों की शांति के लिए कुछ विशेष मंत्रों का जप करना चाहिए।

जप-मंत्र
ऊँ ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।

पीपल पूर्णिमा के दिन सुबह स्नानादि करने के बाद पीपल के 11 पत्ते लेकर इन्हे गंगा जल से शुद्ध कर लें और इसके बाद सभी पत्तों पर सिंदूर या लाल चंदन से श्री लिखकर इनकी एक माला बनाएं और उसे भगवान विष्णु को अर्पित कर दें। ऐसा करने से आर्थिक परेशानी समस्याएं दूर होने के साथ धन लाभ के योग भी बनते हैं।

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