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Mauni Amavasya 2021: इस बार मौनी अमावस्या पर ‘महोदय योग’, जानें कैसे इससे चमकेगी आपकी किस्मत

नई दिल्ली। मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2021)  इस बार 11 फरवरी को पड़ रही है। मान्यता है कि माघ महीने में जो अमावस्या पड़ती है वो मौनी अमावस्या होती है लेकिन इस बार की अमावस्या कई मायनों में खास है। खास इसलिए क्योंकि इस बार मौनी अमावस्या पर होने वाली पूजा विशेष फलदायी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि मौनी अमावस्या पर महोदय योग पड़ रहा है। महोदय योग उस योग को कहता हैं जिसमें श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा हो और मकर राशि में छह ग्रहों की युति से महासंयोग बने। ऐसे में इस बात का भी खास विधान हमारे शास्त्रों में है कि इस योग के दौरान गंगा स्नान करने से शुभ फलों का प्राप्ति होती है। वहीं इस योग के दौरान मौनी अमावस्या पर अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से भी पुण्य का लाभ कई गुना बढ़ जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और पीपल के पेड़ की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है।

बन रहा है ग्रहों का विशेष महायोग, आपके जीवन में लाएगा खुशियां

इस दिन श्रवण नक्षत्र में चन्द्रमा और मकर राशि में छह ग्रहों की युति से महासंयोग बनेगा और इसलिये इस दिन है विशेष संयोग जिसे महोदय योग भी कहा जाता है।  इस दिन गंगा में स्नान करने से आपके पाप कटते हैं। अगर आप नदियों में स्नान के लिए नहीं जा पाएं तो घर में गंगाजल का मंत्रोच्चार के साथ अपने शरीर पर छिड़कर भी नदियों में स्नान का पुण्य फल प्राप्त कर सकते हैं।

मौनी अमावस्या के दिन स्नान, दान और पूजा का ये है शुभ मुहूर्त

मौनी अमावस्या के लिए पूजा पाठ और स्नान का शुभ मुहूर्त 10 फरवरी को दोपहर 1.11 बजे से रात 12.27 मिनट तक है। जिसमें स्नान और दान का विशेष महत्व है। स्नान के साथ ही अगर हो सके तो दिन भर मौन व्रत रखें लेकिन अगर मौन रहना आपके लिए मुश्किल है तो कम से कम बुरे और कड़वे शब्दों का इस्तेमाल किसी अन्य के लिए न करें,  इसके साथ ही व्रत करनेवालों को क्रोधित भी नहीं होना चाहिए, वहीं व्रती को अपने मन को शांत रखने के लिये भगवान का ध्यान और जप करते रहना चाहिए।

मौनी अमावस्या के दिन इन चीजों का करें दान

शास्त्रों के मुताबिक मौनी अमावस्या के दिन दान का विशेष महत्व है। इस दिन हिंदू धर्म शास्त्रों की मानें तो तेल, तिल, लकड़ी, जूते और कपड़े का दान करना अत्यंत उत्तम होता है। साथ ही जिन जातकों की कुंडली में चन्द्रमा नीच का होता है उन्हें खीर, बताशा, चावल, मिश्री का भी दान करना चाहिये।

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